बदायूं (उप्र)। मलेरिया की चपेट में आए पांच सौ से ज्यादा मरीजों को जांच में फेल इंजेक्शन लगा देने का मामला प्रकाश में आया है। गनीमत है कि इसकी रिपोर्ट समय रहते मिल गई और 50 इंजेक्शन रोक लिए गए हैं। वरना उन मरीजों को भी खराब गुणवत्ता के इंजेक्शन लगते और फायदा नहीं मिल पाता। गौरतलब है कि संक्रामक बीमारियों के मौसम में मलेरिया और फैल्सीपेरम मलेरिया ने पूरे जिले को चपेट में ले लिया था। जल्दबाजी में देहात इलाकों के मरीजों के लिए छह सौ इंजेक्शन यहां भेजे गए थे। इनमें साढ़े पांच सौ इंजेक्शन मरीजों को लगा दिए गए। इसी बीच पिछले दिनों यह रिपोर्ट भी आई कि इंजेक्शन की गुणवत्ता काफी खराब है। इसलिए इनके उपयोग पर पाबंदी लगाने का निर्देश जारी किया गया। फिलहाल इन इंजेक्शन का क्या होगा, इसके बारे में अधिकारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं। इतना जरूर है कि यह रिपोर्ट भेज दी गई है कि 50 इंजेक्शन ही स्टाक में शेष बचे हैं। जिन्हें अलग रखवा दिया गया है। प्रभारी सीएमओ डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि इंजेक्शन परीक्षण में फेल साबित हुए थे। शासन स्तर से इस पर पाबंदी लगाई गई है। इसलिए उनका उपयोग बंद कर दिया गया है।