कानपुर (उप्र)। जांच में इंजेक्शन फेल पाए गए हैं। अब संबंधित दवा सप्लायर कंपनी को नोटिस भेजा गया है और कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बता दें कि ये इंजेक्शन उर्सला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान जब्त किए गए थे।

अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन को नोटिस भेजकर दवा सप्लाई करने वाली कंपनी की जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है और अस्पताल में सप्लाई पर भी रोक दी गई है।

यह है मामला

ड्रग विभाग की टीम ने 19 अप्रैल को उर्सला अस्पताल से 13 दवाओं के सैंपल लिए थे। इसमें हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला स्थित एएनजी लाइफसाइंसेज की एमोक्सिसिलिन एवं पोटेशियम क्लैबुलैनेट इंजेक्शन 600 एमजी और उत्तराखंड के रूद्रपुर स्थित मैक्समेड लाइफसाइंसेज की एमोक्सिसिलिन एवं पोटेशियम क्लैवुलैनेट इंजेक्शन 1.2 ग्राम के सैंपल शामिल थे।

ये सैंपल जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए। इस संबंध में मिली जांच रिपोर्ट में दोनों इंजेक्शनों में पोटेशियम क्लेकुलैनेट साल्ट कंपनी की ओर से किए दावे से काफी कम पाया गया। औषधि निरीक्षक रेखा सचान ने अस्पताल के निदेशक को पत्र लिखकर अवगत कराया और इनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

उर्सला के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने बताया कि नवंबर में कारपोरेशन से ये इंजेक्शन आए थे। करीब 600 मरीजों के ये इंजेक्शन लग चुके हैं। रिपोर्ट मिलते ही इसे अस्पताल में रोक दिया गया है। बचे हुए इंजेक्शन वापस कर दिए जाएंगे। अभी तक दवाई से किसी भी मरीज को कोई दिक्कत नहीं हुई है।