पानीपत। हिमाचल प्रदेश की फार्मा कंपनियों में बनी 16 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियत्रंण संगठन (सीडीएससीओ) ने इस बाबत ड्रग अलर्ट जारी किया था। उसी के आधार पर जिला औषधि नियंत्रक विजया राजे राठी ने भी दवा विक्रेताओं के नाम सर्कुलर जारी किया है। जी लैबोरेटरीज की निटजो-2.6 टेबलेट, बैच नंबर 419-1544। मेडिपोल फार्मास्युटिकल बद्दी की दवा अमिट्रिप्टीलीन टैबलेट, बैच नंबर टीएएमएफ-026। ओसपर फार्मुलेशन झाड़माजरी बद्दी की एन्सेफ सेफ्ट्रियक्सोने, बैच नंबर 13018ए। लेजेनेसी रैमेडिज उद्योग बद्दी की स्टेरिल वाटर फार इंजेक्शन, बैच 1902022।
यादव हेल्थ एंड ब्यूटी हर्बल प्रोडक्ट का डेज टूएक्स हैंड सेनेटाइजर, बैच बीवाईएचएस-29। हास्टस बायोटेक टाहलीवाल का डाक्सीसाइक्लिन एसिड कैप्सूल, बैच एचबीसी-4052। मेडिपोल फार्मास्यिुकल की दवा क्लोपिडोग्रेल एसप्रिन टैबलेट, बैच टीएसीबी-013। दवाओं का सैंपल फेल होने का मुख्य कारण सही तापमान और लेबल की कमी रहती है। दवा उत्पादन-स्टोरज के समय तापमान फिक्स रखा जाता है। सप्लाई के समय तापमान गड़बड़ाने से दवा खराब हो सकती है। लेबल में कमी से दवा मिस ब्रांडेड मानी जाती है। हालांकि, कंपनी सीडीएससीओ की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होती तो सेंट्रल ड्रग लैबोटरी कोलकाता से दोबारा जांच करा सकती है।
विजया राजे ने ड्रग अलर्ट के हवाले से बताया कि सीडीएससीओ ने जनवरी में देशभर से 1001 दवाइओं के सैंपल जांच के लिए थे। इनमें 985 दवाओं के सैंपल स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए। जिन दवाओं के सैंपल फेल मिले, उनमें जीवन रक्षक मेडिसिन, हैंड सेनेटाइजर, दिल के रोगों की दवा, डिप्रेशन, बुखार, एलर्जी, वाटर इंजेक्शन आदि दवाएं शामिल हैं। औषधि नियंत्रक के मुताबिक जिन बैंच नंबर की दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं, उन बैच की दवा पानीपत के किसी स्टोर में नहीं है।