कोरोना वायरस लगातार फैल रहा है। भारत में इसे काबू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। लोगों को जागरुक बनाया जा रहा है और संक्रमण को फैलने से रोकने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, यह ऐसी संक्रामक बीमारी है जो छींकने, खांसने या बोलने के दौरान फैलती है। कोरोना वायरस के संक्रमण का अभी कोई इलाज नहीं है। यही कारण है कि बीमारी को फैलने से रोकने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के अलग-अलग चरण बताए हैं और समझाया है कि किस तरह चरण दर चरण इस बीमारी का फैलना दुनिया के लिए घातक हो सकता है। जानिए इन्हीं चार चरणों के बारे में –

चरण 1 : विदेशों से आए मामले
इस चरण में मरीज किसी और देश में संक्रमित होता है। भारत में भी इस बीमारी की शुरुआत ऐसे ही हुई। कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस केरल का वो छात्र था, जो चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। अब भी जो केस सामने आ रहे हैं, वो इटली, चीन या ईरान से लौटे हैं और इन्हीं के कारण बाकी लोगों में संक्रमण फैल रहा है।

चरण 2 : स्थानीय लोगों में संक्रमण फैलना
भारत अभी कोरोना वायरस के चरण 2 पर है। यहां बाहर से आए मरीज संक्रमण फैला रहे हैं। इसी स्थिति को रोकने की कवायद केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कर रही हैं। जो लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री यानी उन्होंने कहा-कहां यात्रा की और किन-किन लोगों के सम्पर्क में आए, यह पता लगाया जा रहा है।

चरण 3 : कम्युनिटी के बीच संक्रमण फैलना
यह चरण इसलिए घातक होता है, क्योंकि इसमें भीड़ के बीच बीमारी फैल जाती है। चीन और इटली में यही हुआ और अब इन देशों में यह बीमारी काबू से बाहर है। भारत सरकार भी जानती है कि यदि हम चरण 3 में प्रवेश कर गए तो हालात बहुत बिगड़ जाएंगे। इस चरण में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि भीड़ में मौजूद किस शख्स में संक्रमण हुआ है।

चरण 4 – महामारी
इस चरण में संक्रमण महामारी का रूप ले लेता है। चीन में ऐसा हो चुका है। इटली, ईरान, अमेरिकी इस स्तर पर पहुंच चुके हैं। यही कारण है कि इमरजेंसी घोषित कर हालात काबू में करने की कोशिश की जा रही है।

किन लोगों को करवाना चाहिए कोरोना वायरस की जांच
भारत सरकार की ओर से विदेशों से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर ही स्क्रीनिंग यानी जांच की जा रही है। जिन लोगों में भी संक्रमण के संकेत नजर आ रहे हैं, उन्हें 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा जा रहा है। सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार, जो लोग कोरोना वायरस प्रभावित देशों जैसे चीन, इटली, अमेरिका,  ईरान, रूस व अन्य यूरोपीय देशों से भारत लौट रहे हैं, वे अपनी जांच जरूर करवाएं। साथ ही यदि कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाते हैं तो जिन-जिन के सम्पर्क में आए हैं, उनकी भी जांच करवाई जानी चाहिए।