जींद। जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऑक्सीजन सप्लाई में टेक्निकल फॉल्ट आ गया। जिससे ऑक्सीजन का फ्लो कम हुआ और वेंटिलेटर पर उपचाराधीन तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की और वार्ड में कार्यरत कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल तीनों कोरोना संक्रमितों का कोविड नियमों के तहत दाह संस्कार कर दिया गया है। डीसी डा. आदित्य दहिया ने अस्पताल प्रशासन को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में टैंक के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है।

बुधवार रात को अचानक प्लांट में तकनीकी खराबी आ गई और ऑक्सीजन का फ्लो कुछ समय के लिए बंद हो गया। प्लांट में मौजूद कर्मियों ने सिलेंडरों के माध्यम से जैसे-तैसे ऑक्सीजन की सप्लाई को शुरू किया लेकिन इसमें 15 से 20 मिनट का समय लग गया और वेंटिलेटर को ऑक्सीजन का पर्याप्त प्रेशर नहीं मिल पाया। जिसके चलते वेंटिलेटर पर मौजूद गांव रधाना, राजनगर व पानीपत के इसराना निवासी कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने तीनों मरीजों को वेंटिलेटर से हटा कर ऑक्सीजन स्पॉट पर भी लाया गया लेकिन उनकी गंभीर हालात होने के चलते उनकी जान को बचाया नहीं जा सका। एकसाथ तीन कर्मियों की मौत से अस्पताल में हड़कंप मच गया और परिजनों ने वार्ड स्वास्थ्यकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया और मृतक परिजनों को जांच का आश्वासन दिया।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार बुधवार शाम को ऑक्सीजन सप्लाई निर्धारित प्रेशर के हिसाब से चल रही थी। अचानक प्लांट में तकनीकि फॉल्ट आ गया और ऑक्सीजन का फ्लो कम हो गया। तकनीकी कर्मचारियों ने प्लांट में आई खराबी की जांच की और मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए सिलेंडरों के माध्यम से पाइप लाइन में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई लेकिन वेंटिलेटर के अनुरूप ऑक्सीजन का प्रेशर नहीं होने के कारण वह नहीं चल पाए। जब तक ऑक्सीजन की स्थिति सामान्य होती तब तक तीन कोरोना पॉजिटिव की मौत हो चुकी थी। वहीं 25 के करीब मरीज ऑक्सीजन स्पॉट पर थे। सिलेंडरों से ऑक्सीजन स्पॉट पर मौजूद मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। डीसी ने जांच के दिए आदेश डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरंत सीएमओ से बात की। तकनीकि फॉल्ट के चलते ऑक्सीजन का फ्लो कम हुआ है। बावजूद इसके सीएमओ इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर कहीं लापरवाही हुई है तो इस मामले में सख्त संज्ञान लिया जाएगा।