जींद। जींद के नरवाना क्षेत्र के धौला कुआं स्थित शुभम क्लीनिक पर चल रहे अवैध गर्भपात के गोरखधंधे का कल शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भंडाफोड़ किया है। इस दौरान टीम ने क्लीनिक मे बीएमएस महिला चिकित्सक को एक महिला का गर्भपात करते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।

क्लीनिक से स्वास्थ्य विभाग की टीम को एमटीपी किट के दो खाली पत्ते (प्रयोग की हुई किट का लेबल) भी बरामद किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया है। देर शाम को टीम ने इस मामले की शिकायत नरवाना शहर थाना में भी की है। जिस महिला का प्राइवेट क्लीनिक में गर्भपात किया जा रहा था। उसको स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिविल अस्पताल जींद में दाखिल करवाया है।

डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. पालेराम कटारिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम कल नरवाना शहर में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की रूटीन जांच के लिए गई हुई थी। इसी दौरान टीम को सूचना मिली की कुछ ही देर में धौला कुआं स्थित शुभम क्लीनिक में महिलाओं के अवैध रूप से गर्भपात किए जाते हैं। एक महिला जिसको पहले से एमटीपी किट दी हुई है उसका अब गर्भपात होने वाला है।

इसके बाद टीम ने मौके पर दबिश दी तो एक गर्भवती महिला दाखिल मिली। जिसको एमटीपी किट लेने के कारण पीड़ा हो रही थी। इसके बाद टीम ने महिला से बातचीत की तो उसने बताया कि वह गर्भपात के लिए यहां पर आई हुई है। इसके बाद टीम ने क्लीनिक की तलाशी ली तो दो एमटीपी किट के खाली पत्ते मिले। इसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया और क्लीनिक को सील कर दिया गया।

जींद के डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. पालेराम कटारिया ने कहा कि टीम ने दबिश देकर नरवाना के शुभम क्लीनिक में महिला बीएमएस डॉक्टर को अवैध गर्भपात करते हुए पकड़ा है। क्लीनिक से दो एमटीपी किट के खाली पत्ते भी बरामद हुए हैं। क्लीनिक को सील कर दिया गया है। महिला बीएमएस डॉक्टर के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है।  

नरवाना शहर के थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि  अवैध रूप से गर्भपात करने में मामला दर्ज कर महिला डॉक्टर शोभा को हिरासत में लिया गया है, उनके खिलाफ डिप्टी सिविल सर्जन ने लिखित शिकायत दी है।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया कि नरवाना के इस क्लीनिक में महिलाओं से 14 से 15 हजार रुपए लेकर अवैध रूप से गर्भपात किए जाते थे। पहले उन्हें एमटीपी किट दी जाती और उसके बाद महिला बीएमएस डॉक्टर द्वारा गर्भपात किया जाता था। जबकि महिला डॉक्टर गर्भपात करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से अधिकृत ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई इस रेड में डाॅ. दीपक, एडवोकेट विकास देशवाल, डीएचएनओ ऊषा जताना सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।