बेमेतरा, छत्तीसगढ़। मरीजों का स्वास्थ्य खर्च कम करने के उद्देश्य से खोली गई सस्ती दवा की दुकानें बंद होने के कगार पर पहुंच गई हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत जिले में दो साल पहले सात स्थानों पर जेनेरिक दवा स्टोर खोले गए थे। इनमें से बेमेतरा, बेरला व खंडसरा दवा केंद्र बंद हो चुके हैं। अन्य की स्थिति भी बदतर है। बताया जा रहा है कि लोगों की रुचि कम होने और डॉक्टरों के जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखे जाने से इन केन्द्रों पर ताला लगाना पड़ा है। जिला अस्पताल परिसर में भी एक जन औषधि केन्द्र रेडक्रास सोसायटी के तहत संचालित है। यह भी बंद होने को है। फार्मासिस्ट दिलीप साहू ने बताया कि शासन की ओर से दी जाने वाली जरूरी सुुविधाएं भी उसे नहीं मिल पाई है। काउन्टर, फ्रीज व रैक की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र में आम लोगों के लिए कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता की दवाइयां उचित दाम पर उपलब्ध कराई जाती है। समय पर जरूरतमंदों को इलाज के लिए दवाओं पर अधिक खर्च न करना पड़े और विश्वसनीय तरीके से सस्ती दवा दिलाने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया था। केंद्रीय फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने इस योजना के तहत 450 से अधिक दवाइयों को सूचीबद्ध कर बेहद कम कीमत पर दवा उपलब्ध कराई हैं। इनमें जीवनरक्षक दवाइयों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। केन्द्रों में दवाएं गुणवत्तायुक्त होने एवं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में कीमत में काफी अंतर होने के बाद भी सरकार की यह योजना फेल हो रही है। बेमेतरा सीएमएचओ डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि जेनेरिक दवाइयों की दुकान के संचालन के लिए फार्मासिस्ट नहीं मिल रहे हैं। इस कारण जिले में जनऔषधि केंद्र का संचालन प्रभावित हो रहा है। जिले में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।