नई दिल्ली। बच्चों के लिए उत्पाद बनाने वाली मशहूर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को अमेरिका की एक अदालत ने 22 महिलाओं को 470 करोड़ डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) हर्जाना देने को कहा है। इन महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन के टैलकम पाउडर में एसबेस्टस होने और इसके इस्तेमाल से गर्भाशय का कैंसर होने का आरोप लगाया था। इसी मामले में फैसला सुनाते हुए मिसौरी की अदालत ने महिलाओं को हर्जाना देने को कहा है। जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने के मामले में कई बार कंपनी पर जुर्माना लगाया जा चुका है। लेकिन, यह इसके लिए अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक दंड है। इस समय कंपनी पर लगभग 9,000 मुकदमे चल रहे हैं।
इनमें पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने और इसमें एसबेस्टस होने के आरोप लगाए गए हैं। अभियोजन पक्ष के वकील मार्क लैनियर ने अदालत को बताया कि कंपनी इस बात को जानती थी कि उसके टैलकम पाउडर में एसबेस्टस मिला हुआ है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को इसके प्रति आगाह नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी को इस तरह से खतरे में नहीं डाला जा सकता है।
पिछले साल अमेरिका में एक शिकायत दर्ज हुई, जिसके अनुसार महिलाएं जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर व शावर टू शावर पाउडर का नियमित तौर पर इस्तेमाल करती हैं। इसे महिलाओं में जेनेटाइल हाइजीन के लिए काफी इस्तेमाल किया जाता है। महिलाओं ने बताया कि बाद में उन्हें गर्भाशय का कैंसर होने का पता चला। लगभग पांच सप्ताह तक सुनवाई चली। हालांकि अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी ने कहा कि मामले की सुनवाई सही तरीके से नहीं हुई है और वह फैसले को चुनौती देगी। अदालत का फैसला आने के बाद शेयर बाजार में जॉनसन एंड जॉनसन के शेयर का मूल्य गिर गया।