नई दिल्ली। टेटनस कम अडल्ट डिप्थीरिया वैक्सीन बनाने के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में काम शुरू हो गया है। अब कटने छिलने जैसी बीमारी के उपचार के लिए एक ही टीका लगेगा। इस वैक्सीन के बनने के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) द्वारा इसका निरीक्षण किया जाएगा और फिर सब ठीक रहा तो इसे मार्केट में उतार दिया जाएगा। इस काम का सीधा फायदा आम लोगों को होने जा रहा है।

अभी ये प्रक्रिया सिर्फ शुरू हुई है, टीडी वैक्सीन की निर्माण प्रक्रिया कई दौर से गुजरेगी जिसके बाद ही निरीक्षण होगा। वैक्सीन निर्माण के दौरान ट्रायल बैच निकाले जाएंगे। उसके बाद वैक्सीन एनिमल स्टडी प्रक्रिया के दौर से गुजरेगी। मिली जानकारी के अनुसार, डीसीजीआइ अगर क्लीनिकल ट्रायल में छूट देगा तो साल के अंत तक वैक्सीन मार्केट में आ सकेंगे और अगर छूट नहीं मिली तो इसमें एक दो साल लग सकते हैं।

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में इसको लेकर काम शुरू हो चुका है। सब ठीक रहा तो जल्द सैंपल का निरीक्षण होगा। अब देखने वाली बात होगी कि ये प्रयोग सफल होता है या नहीं।