कन्नौज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी के उन्मूलन का नारा दिया है। बच्चों में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नई दवा डेलामॉनिड लांच की गई है। इससे छह माह में ही टीबी जड़ से खत्म हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग में यह दवा इसी माह में मिलेगी। सबसे पहले बतादें कि किस तरह टीबी से बचाव करना चाहिए। सबसे पहले दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी रहती है तो डाक्टर को दिखाएं और बलगम की जांच कराएं।

अगर रोगी से मिलने जाएं तो मास्क पहनें और शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करें। साथ समय पर खाना खाएं, आपके आस पास कोई बहुत देर तक खांस रहा है तो उससे दूर रहें। गौरतलब है कि किसी बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद अपने हाथों को जरूर धो लें।साथ ही टीबी के रोगी के साथ खाने-पीने वस्तुएं न लें, इससे संक्रमण फैल सकता है। और भोजन में पौष्टिक आहार लें, जिसमें विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन हों।

दरअसल ये हैं टीबी के लक्षण भूख न लगना, अचानक वजन कम हो जाना, बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट आना, रात में पसीना आना, हल्का बुखार रहना, लगातार खांसी आना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना आदि टीबी के प्रमुख लक्षण है। दरअसल जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जेजे राम का कहना है कि क्षय रोग में अलग-अलग स्टेज होती हैं।

इनमें से एक मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट(एमडीआर) तथा दूसरी एक्सेंसिवली ड्रग रेजिस्टेंट (एक्सडीआर) है। ऐसे मरीजों को हाई डोज की दवा की जरूरत होती है। इसके लिए बीडाकुलीन दवा लांच की गई थी। यह दवा काफी असरदार है अभी जिले में 20 मरीजों को यह दवा दी जा रही है पर बच्चों के लिए यह दवा सटीक नहीं है। इसके लिए सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमडीआर व एक्सडीआर पीड़ित बच्चों के लिए नई दवा डेलामानिड लांच की हैं।

इस दवा का कोर्स छह महीने का ही होगा। जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजीत सिंह ने बताया कि इस दवा की एक खुराक की कीमत 3,200 रुपए है जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को यह दवा मुफ्त में दी जाएगी। यह दवा बाजार में उपलब्ध नहीं होगी केवल टीबी अस्पताल में ही मिलेगी। गौरतलब है कि अब टीबी रोगियों को दवा मिल गई है।