लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के बाहर खून का अवैध धंधा चल रहा है। यहां बिना डोनर वाले लोगों को दलाल खून दिलवा रहे हैं। दलाल एक यूनिट खून के बदले लोगों से 5 हजार रुपए वसूल रहे हैं। वहीं निगेटिव ब्लड ग्रुप के मामले में 7 से 8 हजार रुपए यूनिट खून की रकम वसूली जा रही है। दलालों के एक फोन पर फर्जी डोनर भी ब्लड बैंक पहुंच जाते हैं। अस्पताल के बाहर ठेला-खोमचा लगाने वाले लोग दलालों की पहचान रोगियों की देखभाल कराने वालों से करवाते हैं।
इसके लिए दलालों के द्वारा ठेला और खोमचा लगाने वाले लोगों को कमीशन मिलता है। हाल ही में इस खूनी धंधे का खुलासा हुआ। मरीज को कुल चार यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। इसके एवज में 24 हजार रुपये वसूले गए। पीड़ित ने सीएमओ कार्यालय में इसकी शिकायत की है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। सड़क दुर्घटना में घायल एक 21 वर्षीय युवक का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। युवक को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। चार दिनों के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर युवक को चार लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। इस पर परिजनों ने अस्पताल से ब्यौरा मांगा। अस्पताल के बिल में हर चीज के नाम पर मनमानी वसूली तो थी, साथ ही चार यूनिट खून के 24 हजार रुपये लिए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राइवेट ब्लड बैंकों में एक यूनिट खून की कीमत 1450 रुपये तय है। लेकिन बिना ब्लड डोनर के खून उपलब्ध कराने के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त वसूली की सख्त मनाही है। मरीज की जरूरत देखकर ब्लड बैंक चाहे तो खून दे सकते हैं। इसके बावजूद अस्पताल में चार यूनिट खून के एवज में 24 हजार रुपये वसूले गए। पीड़ित ने इस मामले में सीएमओ से शिकायत की।
पीड़ित की शिकायत प्राप्त होने पर डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह ने कहा कि ये मामला बहुत गंभीर है। प्राइवेट अस्पताल में खून के लिए तय कीमत से ज्यादा वसूली की शिकायत मिली है। इस मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेंटर के बाहर दलालों का रैकेट चल रहा है तो इसका साक्ष्य जुटाएंगे। खून का अवैध कारोबार करने वालों पर पुलिस की मदद से शिकंजा कसा जाएगा। इस खेल में शामिल पटरी दुकानदारों को हटाया जाएगा।