चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोरोना संक्रमण को ठीक करने वाली दवा की बिक्री की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को जवाब दे। याचिका २ डीजी दवा को लेकर थी जिसका कुछ महीनों में परीक्षण हुआ था और इसे कोरोना के उपचार में उपयोगी माना गया है। केंद्र सरकार ने हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज के सहयोग से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित कोरोना दवा 2-डाइऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी थी। यह दवा पिछले महीने से उपयोग में आ रही है जो पाउडर रूप में है।
पानी के साथ घोलकर इसके सेवन के बाद कोरोना संक्रमित जो ऑक्सीजन के सहारे हैं की स्थिति में सुधार का दावा हुआ है। इस पृष्ठभूमि में चेन्नई के रहने वाले सरवणन ने इस दवा को बाजार में लाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में केस दायर किया। न्यायमूर्ति कृपाकरण और न्यायमूर्ति तमिलसेल्वी की न्यायिक पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। उस समय याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि सभी पैमानों पर परीक्षण के बाद केंद्र सरकार ने एक विशिष्ट कंपनी को इस दवा के निर्माण की अनुमति गत मई महीने में ही दे दी थी। चूंकि रोजाना कोरोना से मौतें हो रही हैं, इसलिए इस दवा की तुरंत बिक्री का आदेश दिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार के अभियोजक ने दलील दी कि भले ही दवा को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया हो, लेकिन कुछ एहतियाती उपाय बरतने जरूरी होते हैं। वे इस मामले में केंद्र सरकार से परामर्श कर अपना जवाब पेश करेंगे। न्यायिक पीठ ने कहा दुनिया भर के वैज्ञानिक जब कोरोना के उपचार की दवा खोज रहे हैं तब स्वदेश में अन्वेषित इस दवा के उत्पादन की अन्य कंपनियों को मंजूरी दी जाए तो कोरोना की आशंकित तीसरी लहर को रोकने में कामयाबी मिल सकती है। इस संबंध में केंद्र सरकार शुक्रवार को अपना जवाब पेश करे। इस निर्देश के साथ बेंच ने सुनवाई स्थगित कर दी।