चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि 40 दवा कंपनियों ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में सहायक दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का उत्पादन करने में रुचि दिखाई है। इस कोविड-19 रोधी दवा को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने हैदराबाद की दवा कंपनी डॉ.रेड्डीज लैबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) आर शंकरनारायणन ने यह जानकारी न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण और न्यायमूर्ति टीवी तमिलसेल्वी की पीठ को चेन्नई के डी सरवणन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। याचिकाकार्ता ने शिकायत की है कि डीआरडीओ ने केवल हैदराबाद की कंपनी डॉ.रेड्डीज लैब को ही दवा की 2.34 ग्राम की पुडिया 990 रुपये में बनाने का लाइसेंस दिया है और देश की किसी अन्य कंपनी को इसे बनाने की अनुमति नहीं दी गई है।
इसपर एएसजी ने बताया कि डीआरडीओ ने दवा के उत्पादन के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किया था और अबतक 40 कंपनियों ने इसके उत्पादन में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ ने रुचि पत्र जमा करने की आखिरी तारीख 17 जून तय की थी। पीठ ने एएसजी को संबधित दस्तावेज अदालत में जमा कराने का निर्देश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया।