तमिलनाडु। डीसीए (औषधि नियंत्रण प्रशासन विभाग ) ने तीन फार्मा कंपनियों को उत्पादन रोकने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के आदेश का पालन करते हुए जारी किए गए हैं। आदेश से पूर्व डीसीए ने 2022 और 2023 में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सहयोग से राज्य में 10 विनिर्माण कंपनियों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया था।

निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं मिली

डीसीए के निरीक्षण में दस में से तीन कंपनियों में अनियमितताएं मिली। इसके चलते उत्पादन रोकने के आदेश जारी किए। अन्य सातों कंपनियों को जीएमपी मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करते हुए पाया गया। विभाग के संयुक्त निदेशक और नियंत्रण प्राधिकारी एम श्रीधर ने कहा कि तीन में से दो कंपनियों ने पहले ही अनियमितताएं सुधार ली हैं। इसके चलते विभाग ने उनके निलंबन आदेश कैंसिल कर दिए हैं। अभी एक कंपनी ने डीसीए द्वारा जारी लाइसेंस-निलंबन के खिलाफ कोर्ट की शरण ले ली है।

एम श्रीधर ने बताया कि विनिर्माण संयंत्र के जोखिम-आधारित निरीक्षण और ऑडिट का तीसरा चरण अगले माह फरवरी में शुरू होगा। निरीक्षण की प्रक्रियाओं की निगरानी सीडीएससीओ और राज्य के जेडीसी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑडिट और निरीक्षण करने का उद्देश्य ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और अच्छे विनिर्माण प्रथाओं की आवश्यकताओं के लिए उसके तहत नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।

ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ मिल रही शिकायतें

ड्रग कंट्रोलर ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर विभाग को तमिलनाडु में दवाओं के ऑनलाइन व्यापार की बिक्री को नियंत्रित करने का निर्देश देने के लिए लिखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के सभी हिस्सों से ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ काफी शिकायतें मिल रही हैं।

औषधि निरीक्षकों को निरीक्षण करने के लिए कहा 

औषधि नियंत्रक ने सभी औषधि निरीक्षकों को थोक और खुदरा परिसरों में निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि बीते आठ माह में विभाग ने कुल 219 बिक्री लाइसेंस सस्पेंड किए हैं। इन 219 में से 23 लाइसेंस थोक विक्रेताओं के हैं। इस दौरान सात खुदरा लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं।