बरेली। डी फार्मा की फर्जी डिग्री के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। जांच में डी फार्मा की सभी मार्कशीट सत्यापन में फर्जी मिली हैं। वहीं सैकड़ो छात्रों का भविष्य भी अधर में लटक गया। हालांकि, कार्रवाई से बचने के लिए खुसरो डिग्री कॉलेज के डी फार्मा इंचार्ज ने थाना सीबीगंज में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज कराया
है। जबकि इस फर्जीवाड़े में खुसरो कॉलेज और उसका प्रबंधन बराबर का गुनहगार बताया जा रहा है।

कंसल्टेंसी पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप

खुसरो डिग्री कॉलेज के डी फार्मा कोर्स प्रभारी विश्वनाथ शर्मा ने पुलिस शिकायत में बताया कि आस्था कंसलटेंसी सेन्टर के प्रभारी डॉ. विजय शर्मा ने 109 छात्र-छात्राओं से करोड़ों रुपये वसूले और उन्हें फर्जी मार्कशीट थमा दी। डॉ. विजय शर्मा का कहना है कि उनके पास कंसलटेंसी सेन्टर था, जो दो वर्ष पूर्व बंद कर दिया था। वे खुसरो कॉलेज में डी फार्मा के फार्म भरने का काम देखते थे और उन्हें दस हजार रुपये प्रति छात्र कालेज की तरफ से दिया जाता था।

2.30 लाख वसूल कर भी थमा दी फर्जी डिग्री

एक छात्र शनि ने बताया कि उन्होंने डी फार्मा के कोर्स के लिए दो लाख तीस हजार रुपये फीस के रूप में दिए थे, लेकिन उसे फर्जी मार्कशीट दे दी गई। जब उन्होंने आवेदन के दौरान कागजों का सत्यापन कराया, तो इस फर्जीवाड़े का पता चला। बता दें कि खुसरो कॉलेज के माध्यम से करीब 400 छात्र-छात्राओं को फर्जी डी फार्मा की डिग्री दी गई। इसमें अभी तक 109 छात्र-छात्राएं कालेज के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें उनके रुपये भी वापस नहीं किए जा रहे हैं।