आगरा। इस समय मौसमी बिमारियों ने अपना कहर मचाया हुआ है। कई राज्यों में वायरल फीवर से साथ -साथ डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही अब मरीजों के लिए कुछ दवा भी घातक साबित हो रही है। बताया जा रहा है कि डेंगू (डी टू स्ट्रेन) में तेज बुखार और शरीर में दर्द होने पर दी जा रहीं दो दवाओं से मरीजों की मौत हो रही है। आगरा, फीरोजाबाद, मथुरा, आगरा में स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में सामने आया है कि स्टेरायड और दर्द निवारण दवा देने से डेंगू के मरीजों की तबीयत बिगड़ रही है।

रक्तस्राव और मल्टीपल आर्गन फेल्योर (लिवर, गुर्दा) के साथ डेंगू से पीड़ित बच्चे और बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इन मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है। एसएन मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा नीरज यादव ने बताया कि तेज बुखार आने पर बच्चों में स्टेरायड देने से कुछ देर के लिए आराम मिल जाता है। इनके इस्तेमाल करने से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। गेस्ट्राइटिस की समस्या होती है और उल्टी होने लगती है। इसके साथ ही प्लेटलेट्स काउंट तेजी से कम होने लगती हैं और रक्तस्राव शुरू हो जाता है।

इलाज न मिलने पर लिवर, गुर्दा प्रभावित होने के साथ ब्लड प्रेशर कम गिरने लगता है और मरीज शाॅक में चला जाता है। ऐसे मरीज को बचाना मुश्किल हो रहा है। वहीं, दर्द निवारण दवा ब्रूफेन, एस्प्रिन, डिक्लोफिनेक से रक्तस्राव की आशंका बढ़ रही है। उल्टी होने लगती हैं। डा एके सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने बताया कि फीरोजाबाद, मथुरा में जिन मरीजों की डेंगू से मौत हुई, उनके घर सर्वे कराया गया।

इसमें सामने आया है कि तेज बुखार और शरीर में दर्द होने पर स्टेरायड (डेक्सामिथासोन, प्रेडनिसोलोन, बीटामिथासोन, मिथाइल प्रेसिनिसिलोन) और दर्द निवारण दवा (ब्रूफेन, एस्प्रिन, डिक्लोफिनेक) दी गईं। टीम को घर से स्टेरायड के टैबलेट और इंजेक्शन मिले हैं। आगरा सहित अन्य जिलों में भी बुखार के मरीजों को स्टेरायड दिया जा रहा है। बुखार के मरीजों में स्टेरायड और दर्द निवारण दवा देने पर रोक लगा दी है।

इन दवाओं पर रोक

स्टेरायड- डेक्सामिथासोन, प्रेडनिसोलोन, बीटामिथासोन, मिथाइल प्रेसिनिसिलोन।

दर्द निवारण दवाएं -ब्रूफेन, एस्प्रिन, डिक्लोफिनेक।