चंडीगढ़। मानसून इस बार देरी से लौट रहा है। लेकिन जगह जगह पानी इकट्ठा होने की वजह से मच्छर जनित रोग भी चिंता बढ़ा रहे है। जो कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं। नमी के बीच हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से डेंगू, एन्सेफलाइटिस, मलेरिया, टाइफाइड और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के हजारों मामले सामने आ रहे हैं। इस साल अकेले हरियाणा में कोरोना के बाद डेंगू कहर मचाये हुए है।

डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू d2 के स्ट्रेन के कारण देश के कुछ हिस्सों में इसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। हरियाणा सहित देश के 11 से अधिक राज्यों में डेंगू का एक नया रूप देखा गया है जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। वैसे तो मानसून के बाद डेंगू का प्रकोप नियंत्रण में है, लेकिन देश भर के कई शहरों में डेंगू DENV 2 के नए स्ट्रेन के कारण तेज बुखार के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हम सभी को इससे बचने के लिए एहतियात बरतने होंगे।

​डेंगू वायरस के कई वेरियंट्स में – DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4, DENV 2 या स्ट्रेन D2 को सबसे गंभीर बताया जा है। इनकी चपेट में आने वाले मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग और शॉक भी आ सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषदके महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने मीडिया को बताया कि डेंगू का नया स्ट्रेन बहुत ही विषैला है जो लोगों की मौत की वजह बन रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी के फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ जिलों में रहस्यमयी बुखार के कारण पिछले महीने कई लोगों की मौत हुई थी।

डॉ बी.एल. RGSS हॉस्पिटल  के निदेशक शेरवाल ने कहा कि डेंगू का स्ट्रेन में सबसे जरूरी एहतियात है कि अपने आसपास पानी जमा न होने दें और फुल स्लीव ड्रेस का इस्तेमाल करें। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार का मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है, इसलिए हमें इसकी अतिरिक्त देखभाल करने की आवश्यकता है। बकौल डॉ. शेरवाल ऊपर जिन स्ट्रेन का जिक्र किया गया है, वे डेंगू के ही प्रकार हैं; जिनमें कमोबेश एक जैसे लक्षण होते हैं और रोकथाम का एक ही तरीका भी होता है।

PSRI अस्पताल की डॉ विनीता सिंह टंडन ने कहा कि D2 अधिक विषैला होता है जिसमें बुखार, उल्टी, जोड़ों के दर्द, अल्टर्ड सेंसेरियम जैसी समस्याएं होती हैं। ये बुखार मरीज में कई तरह की दूसरी जटिलताएं भी पैदा कर सकता है जिसके चलते डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति पहले इसके सीरो टायप से संक्रमित हुआ था, तो दूसरे प्रकार के सीरो संक्रमण से डेंगू रक्तस्रावी बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें पेरासिटामोल खाने और हाईड्रेट रहने की सलाह दी जाती है लेकिन एनाल्जेसिक और एस्पिरिन लेने से बचना चाहिए।

डेंगू से बचने के लिए खुद को मच्छर के डंक से बचाना जरूरी है। कई बार हमें यह एहसास नहीं होता है कि हम अपने आस-पास मच्छरों को पाल रहे हैं और उनसे होने वाली बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा बढ़ रहा है। छोटे-छोटे कदम उठाने से आप और आपके परिवार को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है। यहां कुछ चीजें हैं जो आप कर सकते हैं।

* अपने घर और आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें। क्योंकि रुका हुआ पानी मच्छरों के पनपने का सबसे अच्छा जरिया है।

* अपने मोहल्ले को साफ सुथरा रखें। मच्छर हमेशा लंबी घास, खोखले लट्ठों और कचरे में छिप जाते हैं।

* शाम को अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।

* शाम को बाहर जाते समय फुल बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं।

* स्वस्थ खाएं और खूब पानी पिएं। साथ ही भोजन से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए अपने भोजन को ढक कर रखें।