कासगंज। जिले में डेंगू मलेरिया सहित वायरल फीवर की दस्तक के बाद एंटीबायोटिक एवं मलेरियारोधी की बिक्री में 80 फीसद इजाफा हुआ है। पैरासिटामोल से लेकर एमोक्सी क्लेवुनेट टेबलेट, सिफेविजम ओफ्लोक्सासिन टेबलेट, आरटीसूनेट इंजेक्शन, लारियागो टेबलेट, इंजेक्शन, सीरप,आर्टीमीथर टेबलेट इन दवाओं की लगातार मांग बढ़ती ही जा रही है।

फुटकर दवा विक्रेताओं का कहना है कि सुबह से शाम दर्जनों चिकित्सकों के पर्चे लेकर रोगी आ रहे हैं। इनमें बुखार की दवा पैरासिटामोल टेबलेट एवं सीरप आरटीसूनेट इंजेक्शन की मांग है। गांवों में बुखार अधिक फैल रहा है। यहां के चिकित्सक एवं मेडिकल कारोबारी दवा का अधिक उठान कर रहे हैं। एंटीबायोटिक, मलेरियारोधी दवाओं की 80 फीसद मांग बढ़ी है। लेकिन कोरोना काल में बढ़ी सैनिटाइजर एवं इम्युनिटी बूस्टर की मांग अब पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है, लेकिन बुखार ने मास्क की बिक्री बढ़ा दी है।

इसको लेकर जिलेभर में दवा विक्रेताओं ने इनका पहले से ही स्टाक कर रखा है। इसलिए फिलहाल जिले में इनकी कमी नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां सैनिटाइजर, मास्क और इम्युनिटी बूस्टर की बिक्री बड़े स्तर पर थी वहीं अब इसकी बिक्री धीरे धीरे प्रभावित हो चुकी है, लेकिन बीते एक पखवाड़े से जिल में डेंगू मलेरिया और वायरल फीवर ने पैर पसार रखे हैं। इससे एंटीबायोटिक एवं मलेरियारोधी दवाओं की बिक्री एक साथ बढ़ गई। दवा कारोबारियों के मुताबिक बीते एक पखवाड़े में सबसे अधिक बिक्री बुखार की दवा की हुई है। सीरप, गोलियां एवं इंजेक्शन की मांग लगभग 80 फीसद बढ़ी है।