• दिल्ली में अब एम्स जैसा आयुर्वेद संस्थान खोलेगी केंद्र सरकार
  • ड्रग कंट्रोलर राज्य को कानून का पालन करवाने में मददगार
  • छह राज्यों में 10 दवा निर्माताओं के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित 
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर अब पहला आयुर्वेद संस्थान दिल्ली में खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए तीन महीनों का लक्ष्य रखा है।  आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संबंधित कानून में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि आयुर्वेदिक दवाओं के संबंध में गलत दावे किए जाने पर रोक लग सके और लोगों को गुमराह होने से बचाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार संशोधित ‘ड्रग्स एंड मैजिक रिमेडीज एक्टÓ लाने की प्रक्रिया में है और विधि विभाग ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
उन्होंने दवाओं के संबंध में विज्ञापनों में बड़े बड़े दावे किए जाने की शिकायत पर कहा कि यह शिकायत कई मायनों में सच है। उन्होंने कहा कि इस पर राज्य सरकार को काबू पाना है और ड्रग कंट्रोलर राज्य को कानून का पालन करने में मदद करते हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राज्यों को आयुष उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राशि दी जाती है और देश भर में 31 अनुसंधान केंद्र हैं जो नए आयुष उत्पादों के लिए शोध कर रहे हैं।
नाइक ने कहा कि 2015-16 के बजट का 97 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया गया और सरकार का जोर होगा कि आयुष क्षेत्र में और अधिक व्यय किया जाए। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि छह राज्यों में 10 दवा निर्माताओं के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 11 मार्च 2016 को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों से 10 निर्माताओं के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि सभी 10 विनिर्माताओं को तीन सप्ताह के अंदर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।