कानपुर। औषधि विभाग की टीम ने दवाओं की अवैध रूप से बिक्री की शिकायतों को लेकर मैथा व रनियां क्षेत्र में कई मेडिकल स्टोरों पर निरीक्षण किया। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोरों से दवाओं के चार सैंपल लिए। कई मेडिकल स्टोर संचालक बिना कैश मेमो के दवा बेचते मिले। टीम ने मेडिकल स्टोर संचालन में पाई गई कमियों को लेकर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी और स्पष्टीकरण मांगा है।
गौतलब है कि जिले के विभिन्न कस्बों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी मानकों की अनदेखी कर मेडिकल स्टोर चल रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम की ओर से मैथा क्षेत्र में गौर मेडिकल स्टोर व माधव मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया। गौर मेडिकल स्टोर मालिक पर फार्मासिस्ट की गैरमौजूदगी में दवा बिक्री हो रही थी, जबकि कैशमेमो भी नहीं मिला। टीम ने मेडिकल स्टोर से रिएक्टिन 100 टैबलेट का सैंपल लिया जबकि माधव मेडिकल स्टोर के निरीक्षण के दौरान मालिक मौका पाकर फरार हो गया। वहीं, रनियां कस्बे के ललित मेडिकल स्टोर से ओफ्ला 200 व जैकफ्लो 200 दवाओं के नमूने संकलित किए, जबकि दुकान संचालक होलसेल लाइसेंस पर रिटेल में दवा बिक्री करते पाया गया। वहीं, शांति मेडिकल स्टोर से वेटनरी ओफ्लो काइंड ओजेड सीरप का सैंपल लिया है। ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया कि मैथा व रनियां क्षेत्र से दवाओं के कुल चार सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश संचालक होलसेल लाइसेंस होने के बाद भी रिटेल पर दवा बिक्री करते पाए गए, जबकि कैशमेमो भी नहीं था। संचालकों को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश देते हुए संबंधित दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है।