चंडीगढ़। ड्रग कंट्रोल ऑफिसर सुनील चौधरी ने आखिर जिला अदालत में सरेंडर कर दिया है। वह करीब पांच महीने से फरार चल रहा था। कोर्ट ने सुनील चौधरी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

यह है मामला

धनास स्थित आर्थोपेडिक सर्जिकल स्टोर में ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने छापेमारी की थी। इस दौरान खामियां बताकर सील न करने के एवज में स्टोर संचालक देव शरण शाहा से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। बाद में सौदा 80 हजार रुपये में तय हुआ।

आरोपित अधिकारी को किया जा चुका निलंबित

स्टोर संचालक शाहा ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। बिचौलिया अशोक नरूला सेक्टर-20 में देव शरण शाहा से रिश्वत की पहली रकम 25 हजार रुपये लेने आया। उसी समय विजिलेंस की टीम ने उसे रिश्वत की रकम लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपित अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया था।

एक लाख रुपये रिश्वत मामले में डीसीओ सुनील चौधरी के खिलाफ सितंबर 2023 में विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। आरोपित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला अदालत और उसके बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने डीसीओ को आत्मसमर्पण के आदेश दिए

दोनों अदालतों से जमानत याचिका खारिज होने पर उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई। आरोपी ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी को दोषी पाया। सुप्रीम कोर्ट ने डीसीओ को आत्मसमर्पण के आदेश दिए। इसके चलते ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने जिला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। फिलहाल दोषी डीसीओ को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।