हनुमानगढ़ (राजस्थान)। सूबे में हनुमानगढ़ ऐसा जिला है, जहां बिना पीएचसी वाले गांव में मेडिकल स्टोर के लिए भी लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता है जबकि ड्रग एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है। गांवों में नशे पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस जारी करने पर दो साल पहले रोक लगा दी थी। ऐसे में जिन गांवों में मेडिकल स्टोर नहीं हैं, वहां के ग्रामीणों को दवा लेने के लिए दूर-दराज जाना पड़ता है।  इससे बेरोजगार फार्मासिस्टों को भी परेशानी आ रही है।
 बी फार्मा कर चुके गुरविंद्रसिंह का कहना है कि छह माह पहले उसने अपने गांव चक ज्वालासिंहवाला में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था लेकिन कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए आवेदन खारिज कर दिया गया। ऐसा कोई नियम नहीं है, फिर भी ऐसा किया जा रहा है। औषधि नियंत्रण विभाग ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कलेक्टर से आदेश जारी करवाया था। जबकि नियमानुसार फार्मासिस्ट किसी भी स्थान पर मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस ले सकता है। अगर कोई नशीली दवा गलत तरीके से बेच रहा है तभी उसके खिलाफ औषधि नियंत्रण विभाग कार्रवाई कर सकता है या उसका लाइसेंस निलंबित कर सकता है।
इस बारे में एडीसी अशोक मित्तल ने बताया कि कलेक्टर के आदेश के कारण जिस गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, वहां ड्रग लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है। हां यह बात सही है कि यह आदेश सिर्फ हनुमानगढ़ में ही है। वहीं, ड्रग कंट्रोलर जयपुर अजय फाटक का कहना है कि हनुमानगढ़ जिले में नशे के कारोबार के कारण कलेक्टर ने यह निर्णय लिया था। इस इश्यू को राज्य सरकार को भेजा गया है। इसमें किसी योग्य फार्मासिस्ट को रोजगार से वंचित करने का मकसद नहीं है। किसी जगह पीएचसी या सीएचसी नहीं है वहां पर कोई मेडिकल स्टोर खोलता है तो विभाग उसको प्रोत्साहन भी करता है, लेकिन अगर कहीं दुरूपयोग होता है तो रोकना भी विभाग का दायित्व है। कलेक्टर जाकिर हुसैन का कहना है कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस संबंध में सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी है। कोई योग्य फार्मासिस्ट रोजगार से वंचित नहीं हो, इसके लिए प्रयास किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. अरूण चमडिय़ा का कहना है कि जिन गांवों में पीएचसी या सीएचसी नहीं है वहां पर बिना प्रेस्क्रिप्शन नशीली दवा नहीं बिके, इसलिए कलेक्टर ने रोक लगाई थी। इसमें दूसरा पहलू यह भी है कि किसी को रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में कलेक्टर को अवगत करा जल्द उचित निर्णय लिया जाएगा।