गोंडा। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग मरीजों को अच्छी सुविधा देने की कोशिश कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ लापरवाही भी सामने आ रही है। बतादें कि गोंडा जिले में ड्रग वेयर हाउस में दवा की जगह पर कबाड़ रखा जा रहा है। भले ही स्वास्थ्य विभाग मरीजों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी संसाधन जुटाने का दावा कर रहा हो लेकिन जिले में धरातल पर उसका दावा फेल नजर आ रहा है। सरकारी दवाओं के भंडारण के लिए बनाए गए मंडलीय ड्रग वेयर हाउस को कबाड़ खाना में तब्दील कर दिया गया है।
जिसके चलते मंडल स्तर पर दवाओं व वैक्सीनों के भंडारण की व्यवस्था नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि मंडल में दवाओं का भंडारण न होने से सरकारी अस्पतालों को समय से दवाएं व इंजेक्शन नहीं उपलब्ध हो पाते हैं। दवाओं को दूसरे मंडल से लाकर अस्पतालों में वितरित किया जाता है। जिससे आये दिन अस्पतालों में दवाओं व इंजेक्शन की किल्लत बनी रहती है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा उन्हें बाहर से कमीशन वाली दवाओं को खरीदने पर मजबूर किया जाता है।
बतादें कि मंडल मुख्यालय होने के नाते चारों जिलों में सरकारी दवाओं व अन्य मेडिकल संसाधनों के भंडारण के लिए जिला अस्पताल के बगल में मंडलीय ड्रग वेयर हाउस बनाया गया है। जिसमें कारपोरेशन लखनऊ मुख्यालय से भेजी गई दवाओं व मेडिकल संसाधनों के भंडारण की व्यवस्था होनी है। यहीं से चारों जिलों के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं का वितरण किया जाना था। लेकिन अधिकारियों के उदासीनता के चलते मंडलीय ड्रग वेयर हाउस को कबाड़ खाना बना दिया गया है। जिसमें टूटे फूटे फर्नीचर व पुरानी रद्दी किताबें रखी गयी हैं।