गोरखपुर। क्षेत्र में कॉस्मेटिक्स का बाजार तस्करी कर लाए जाने वाले सामान से भरा पड़ा है। सीमीवर्ती नेपाल बॉर्डर से होने वाली तस्करी में कॉस्मेटिक्स के सामान की भरमार है। वहां से कम रेट में खरीदकर लाया गया सामान तस्करी कर गोरखपुर में महंगे दामों पर बेचा जाता है। रेट के बीच तय फायदे का लाभ तस्करों से लेकर दुकानदार तक उठा रहे हैं। शहर के कई बाजारों में शैम्पू, टूथपेस्ट, क्रीम, साबुन, लिपिस्टिक सहित अन्य कॉस्मेटिक्स के सामान बेचे जाते हैं। शहर के होलसेलर से स्टॉक लेकर अन्य जगहों पर खपाया जा रहा है। उधर डुप्लीकेट सामान भी मार्केट में खप रहा है।
नेपाल में मिलने वाले कॉस्टमेटिक्स के ज्यादातर सामान बेहद सस्ते होते हैं। नेपाली रुपए के हिसाब से माल खरीदकर तस्कर उसे गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर सहित अन्य जगहों पर पहुंचा देते हैं। बड़े बाजारों में ब्रांडेड कंपनियों के स्टॉकिस्ट इन सामानों को रखते हैं। थोक ग्राहकों को स्टॉकिस्ट माल थमा देते हैं। फुटकर मार्केट में यही सामान ग्राहकों तक पहुंच जाता है। नेपाल में बिकने वाले ओरिजनल सामान के साथ-साथ डुप्लीकेट का कारोबार होता है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नेपाल और इंडिया में एक ही प्रोडक्ट के रेट में 16 से 18 रुपए तक का अंतर होता है। ग्राहक कोई सामान लेते समय एमआरपी देखकर पेमेंट कर देते हैं।
फुटकर बाजारों में नेपाल से आया माल आसानी से खप जाता है। इसकी पहचान आसान नहीं होती है। एक ही कंपनी इंडिया और नेपाल दोनों जगहों के लिए प्रोडक्ट बनाती है। कई इंडियन कंपनियों की फैक्ट्री नेपाल में चलती है। वहां पर उसका रेट अलग होता है। सेम टू सेम प्रोडक्ट जब इंडिया में बिकता है तो अधिक पैसे मिल जाते हैं। दुकानदारों का कहना है कि साहबगंज, घंटाघर, शाहमारूफ, पांडेयहाता सहित कई जगहों पर नेपाल के प्रोडक्ट बिकते हैं। इनके साथ ही मिलते-जुलते नामों वाले प्रोडक्टस भी खप जाते हैं।