प्रयागराज। आक्सीटोसिन इंजेक्शन सहित तीन दवाओं के सैंपल फेल हो गए है। बता दें कि प्रयोगशाला में 55 दवा के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जिसमे से 3 के सैंपल फेल हो गए है। गौरतलब है कि कुछ फार्मास्युटिकल कंपनियां बेजा फायदा भी उठा कर बाजार में माल खपाती हैं। यह बात निकलकर आई है दवाओं के परीक्षण से। प्रयागराज से 2021 में सितंबर तक कुल 55 दवाओं के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। इनमें केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने तीन दवाओं के नमूने फेल कर दिए हैं। जिन दवाओं के नमूने फेल हुए उनमें एंटीबायोटिक दवा महापोर, दर्द निवारक दवा सेगोनेक-पी और पशुओं को लगाए जाने वाले इंजेक्शन आक्सीटोसिन हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि इनके अलावा आक्सीटोसिन इंजेक्शन के नमूने भी फेल हुए। इन इंजेक्शन पर लेबल तो लगा था लेकिन उस फार्मास्युटिकल कंपनी का नाम और पता नहीं लिखा था। बताया के दवाओं के नमूने फेल होने के मामले में अब उच्च स्तर पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्यवाही चल रही है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि पिछले साला भी लिए गए दवाओं के नमूने मेें नौ नमूने फेल हुए थे जबकि एक दवा नकली पाई गई थी। ड्रग इंस्पेक्टर गोविंदलाल गुप्ता ने बताया कि दवाओं के नमूने मेडिकल स्टोर से लेकर प्रयोगशाला भेजने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।
गोपनीय सूचनाओं पर छापेमारी कर उन्हीं दवाओं के नमूने लिए जाते हैं, जिन पर मौके पर संदेह उत्पन्न होता है। उन्होंने बताया कि सितंबर माह तक पूरे जिले में 55 दवाओं के नमूने लिए गए थे। इनमें एंटीबायोटिक महापोर ओरल सस्पेंशन जो हिमांचल प्रदेश के कोटा साहिब स्थित बायोकोनिक रेमेडीज कंपनी के द्वारा बनाई गई थी, फाइटोकेम हेल्थ केयर नालागढ़ सोलन में द्वारा बनाई गई दर्द निवारक टैबलेट सेगोनेक-पी के नमूने जांच में फेल हुए हैं।