अम्बाला। गवर्नमेंट एनालिस्ट हरियाणा की दवाओं की सैंपल जांच रिपोर्ट बताती है कि इस साल जनवरी से मार्च तक तीन माह के दौरान एक भी सैंपल निम्न स्तर या नकली नहीं पाया गया ।
इसे हम औषधि प्रशासन हरियाणा की उपलब्धि मानें कि उन्होंने दवा निर्माताओं को इतना ज्ञानवर्धन कर दिया कि निम्न स्तर या बिना उच्च गुणवत्ता के साल्ट के बिना दवाई बनाना नामुमकिन हो गया, या फिर यह चमत्कार गवर्नमेंट एनालिस्ट चंडीगढ़ की जांच लैब ने किया, इस पर गंभीर चिंतन करना होगा?  राज्य भर के दवा विक्रेता इस बात से असमंजस में है कि हर माह कोई ना कोई दवा निम्न स्तर की रिपोर्ट अक्सर आ जाया करती थी। अब लगातार 3 महीने से रिपोर्ट का खाना खाली मिल रहा है। ऐसे में दवा विक्रेता फूले नहीं समा रहे हैं कि हरियाणा में दवाएं उच्च गुणवत्ता की विक्रय के लिए आ रही हैं  या उनकी जांच में कोई घोर कोताही बरती जा रही है।
औषधि प्रशासन भी जांच लैब की रिपोर्ट पर विश्वास कर कार्यप्रणाली को आगे बढ़ा देते हैं कि निम्न स्तर की कोई दवा नहीं आई। कुछ भी हो, एक माह में सैम्पल फेल सम्भव हो सकता है लेकिन तीन माह तक सैंपल फेल न आने की बात गले नही उतरती। यदि लैब में साल्ट भी हैं और औषधि प्रशासन भी चौकन्ना तो निर्माताओं का वर्चस्व अपना कमाल दिखा रहा है। इसमें कुछ तो गड़बड़झाला दिखता है। इस बारे में जब गवर्नमेंट एनालिस्ट से जानकारी लेनी चाही तो उनका नंबर अनुतरित रहा।