बद्दी (सोलन)। कोरोना संक्रमण के इस दौर में दवाओं का कच्चा माल तीन गुणा महंगा हो गया है। चीन से फार्मा कंपनियों को महंगे दाम पर मिल रही कच्चे माल की सप्लाई से उद्योगपति खासे परेशान हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि कुछ ट्रेडर्स ने कच्चे माल के तीन गुणा दाम बढ़ा दिए हैं। इससे दवाइयां बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर सीधा असर पड़ रहा है।
पहले ट्रेडर्स से 90 दिन का उधार देकर कच्चा माल मिल जाता था। अब एडवांस पेमेंट मांगी जा रही है। बद्दी के करीब दर्जनों फार्मा उद्यमियों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश की सरकारों से आग्रह किया है कि कच्चे माल के तीन गुणा दाम बढ़ाने वाले ट्रेडर्स पर लगाम लगाई जाए जिससे देश में मौजूदा समय में चलने वाले करीब 25 फीसदी फार्मा उद्योग महामारी और देश में बीमारियों के दौरान प्रयोग होने वाली दवाइयों की आपूर्ति उपलब्ध करवा सकें। बता दें कि 16 माह से कच्चा माल आना बंद था। उस समय फार्मा उद्यमी कच्चे माल के दामों से सहमत नहीं थे। उद्योगपति सुमित सिंगला ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को इस बारे पत्र भेजा है। उन्होंने दावा किया है कि दवा उद्योग में प्रयोग होने वाली एसिक्लोफिनेक जिसके दाम एक हजार रुपये थे, वे 1250 रुपये तक पहुंच गए हैं। पैरासिटामोल 250 रुपये से 430 रुपये, अजीथ्रोमाइसिन पहले सात हजार से अब 15 हजार पहुंच गई है। अमोक्सी 1400 से 1950 हो गई है। क्लाइब आठ हजार से अब 25 हजार, ओरेंडाजोल पहले 700 रुपये 1350 रुपये, ऑफलॉक्सिन पहले 2200 रुपये अब 3,450 रुपये हैं। उधर, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मुनीश कपूर ने बताया कि अभी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।