नई दिल्ली। दवाओं के दाम बढ़ने पर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होता है तो वो मरीज है। जिसको दवा खरीदनी है ही चाहे उसकी कीमत कितनी ही क्यों न हो। लेकिन इस बार दवाओं के बढ़ते दाम से दवा कारोबारी भी परेशान होते दिख रहे है। इसका कारण है दवाओं के दाम लगातार बढ़ना।
पिछले एक महीने में दवाओं के रेट 20 फीसद तक बढ़ा दिए गए। इससे इलाज महंगा हो गया है और दवा कारोबारियों को बिलिंग में समस्या आ रही है। कई दवाओं के रेट महीने में दो बार बढ़ गए हैं। मधुमेह, एंटी मलेरिया के इंजेक्शन, खांसी के सीरप सहित एंटीबायोटिक के रेट में 20 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। इसका सबसे ज्यादा नुकासन मरीजों को हो रहा है।
महीने की अंतिम तिथि पर थोक दवा कारोबारियों से टारगेट पूरे करने के लिए बड़ी मात्रा में ऑर्डर लिए जाते हैं। लगातार रेट बढ़ने पर दवा कारोबारियों को भी भुगतान में समस्या आ रही है। उन्होंने भी ऑर्डर सीमित कर दिए हैं।