नई दिल्ली : बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से कोसो दूर रहने वाले पहाड़ी और नक्सल इलकों को सरकार जल्द कंटेनर हेल्थ क्लीनिक सुविधा देने जा रही है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संस्था सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) की ईकाई आईजीआईबी ऐसे कुछ चुनिंदा क्लीनिक का संचालन कर रही है। दूर-दराज के इलाकों में चिकित्सा सेवा को मजबूत करने वाला यह अनूठा प्रयोग लागत के लिहाज से बेहद किफायती है। मौजूदा समय में औद्योगिक घरानों से मिलने वाले सोशल वेलफेयर फंड से आईजीआईबी दूर-दराज के करीब 70 स्थानों पर ऐसे क्लीनिकों का संचालन कर रही है।

क्लीनिक की खास बात ये है कि इसके लिए न तो डाक्टरों की जरूरत है, न ही भारी भरकम ढांचे की। क्लीनिक को 12वीं पास व्यक्ति थोड़ी-से प्रशिक्षण के बाद संचालित कर सकता है। ऑनलाइन सिस्टम के जरिए मरीजों को सीधे डाक्टर से जोड़ दिया जाता है। बाद में डाक्टरों ने जो दवाएं बताई, उसे नोट करके देना होगा। कंटेनर क्लीनिक की यही खूबी सरकार को भा गई। जिसके चलतेअब इस प्रोजेक्ट को विस्तार देने की योजना पर काम चल रहा है। मंत्रालय स्तर पर इसे लेकर कई बैठकें हो चुकी है। माना जा रहा है कि दूर-दराज क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की मुहिम में जुटी सरकार जल्द ही इसे मंजूरी दे सकती है। सीएसआइआर से जुड़े डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक, अनुमानत: एक कंटेनर क्लीनिक मात्र पांच लाख रुपए में चालू हो जाता है। क्योंकि इसके लिए स्क्रैप में पड़ा कंटेनर मात्र एक लाख में मिल जाता है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन, टीवी, कंप्यूटर और एक टेलीफोन की जरूरत होती है। आईजीआईबी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पहले खुद के शोध के लिए किया गया, लेकिन लोगों के रुझान को देखते हुए इसे विस्तार दिया गया है।