नई दिल्ली : सरकार ने फार्मा कंपनियों द्वारा अपनी दवाओं और उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रलोभन देने के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। इस संबंध में कानूनी तंत्र तैयार करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति दवा विपणन व्यवहार की समान संहिता (यूसीपीएमपी) से संबंधित विभिन्न अन्य मुद्दों की भी समीक्षा करेगी।
समिति में शामिल अन्य सदस्यों में फार्मा विभाग की सचिव एस अपर्णा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता शामिल हैं। दवा विभाग के एक संयुक्त सचिव (नीति) सदस्य सचिव के तौर पर शामिल हैं।
समिति का गठन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एवं रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया की सिफारिश पर किया गया है।
एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि दवा विभाग ने फार्मा कंपनियों के लिए एक आचार संहिता- यूसीपीएमपी भी लागू की है, जो एक जनवरी, 2015 से प्रभावी है। इसे सभी प्रमुख दवा संघों ने अपनाया है। यह कार्यालय ज्ञापन 12 सितंबर को जारी किया गया।