बद्दी (हिमाचल प्रदेश)। खांसी की मिलावटी दवा के सेवन से दो साल के बच्चे की किडनी फेल हो जाने का मामला गर्मा गया है। दरअसल, इस मामले में सूबे की दवा निर्माता कंपनी डिजिटल विजन एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यूएस के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार, इसके कफ सिरप ब्रांड कफसेट एटी में कथित तौर पर पाए गए डाइथलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नामक रसायन को किडनी फेल करने और न्यूरोलॉजिकल विषाक्तता के लिए जाना जाता है। भारत के शीर्ष नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने राज्य दवा नियामकों से देशभर में दवा के सैंपल की जांच करने और इसकी बिक्री रोकने को कहा है। सीडीएससीओ ने हिमाचल प्रदेश के दवा नियामक को ‘अपने क्षेत्र के कर्मचारियों को आवश्यक कदमों के लिए आगाह करने’ और ‘अपने क्षेत्र में कथित दवा की तलाश करने’ के लिए भी लिखा है। सीडीएससीओ ने यह कदम पीजीआई चंडीगढ़ से मिली एक शिकायत के बाद उठाया हैं, जहां इस दवा के कथित इस्तेमाल से दो साल के बच्चे की किडनी खराब होने का मामला सामने आया। वैसे आम तौर पर बच्चों में किडनी फेल होने के मामले नहीं होते। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर इंडिया, सीडीएससीओ अरविंद कुकरेती ने हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर को लिखे पत्र में कहा है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इस कार्यालय के दवा निरीक्षकों को क्षेत्र में कथित दवा की तलाश करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि हिमाचल सरकार ने फरवरी में भी इसी कंपनी डिजिटल विजन के खिलाफ खांसी की एक मिलावटी दवा कोल्डबेस्ट-पीसी कफ सिरप बेचने का मामला दर्ज किया था, जिसके कारण जम्मू और कश्मीर में नौ शिशुओं और हरियाणा में एक की मौत हो गई थी।