अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94 फीसदी से ज्यादा प्रभावी है। मॉडर्ना के इस दावे से जल्द ही कोरोना वैक्सीन दुनिया को मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके पहले अमेरिका की ही एक और दवा कंपनी फाइजर ने भी उसकी वैक्सीन के 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी होने का दावा किया था। मॉडर्ना, फाइजर के साथ ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका भी टीका विकास की दौड़ में सबसे आगे हैं। भारत में सीरम, भारत बायोटेक के साथ कई कंपनियां कोरोना के टीके के विकास में भी जुटी हुई हैं। गौरतलब है कि फाइजर और बायोनटेक ने भी कोविड टीके के प्रभावी होने का दावा किया था। दोनों कंपनियों ने कहा था, ‘‘इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत” में उपलब्ध कराना शुरू कर दिया जाएगा। पिछले सप्ताह बायोएनटेक और फाइजर ने कहा था कि उसके टीके के विश्लेषण से पता चला है कि यह 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोविड-19 से बचाने में कारगर हो सकता है। टीका निर्माण की इस कवायद में 43,000 वालंटियर ने जांच में भाग लिया था। बायोनटेक के सह-संस्थापक और सीईओ प्रो.उगुर साहिन का कहना है कि अगले साल अप्रैल तक दुनिया में 30 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। गौरतलब है कि मॉडर्ना की इस वैक्सीन की दो खुराक चार हफ्तों के अंतराल में 50 फीसदी प्रतिभागियों को दी गई थी। बाकी 50 फीसदी को प्लेसबो यानी नाममात्र का टीका दिया गया। ट्रायल के दौरान 11 ऐसे प्रतिभागियों को चुना गया, जो कोरोना के गंभीर मरीज थे। हालांकि टीकाकरण के कारण अन्य वालंटियर में वायरस नहीं फैला। मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टैल जैक्स ने कहा, वैक्सीन करीब-करीब पूरी तरह प्रभावी रही है। तो वहीं मॉडर्ना ऐलान किया कि उसकी प्रायोगिक वैक्सीन कोरोना वायरस का खात्मा करने में 94.5 फीसदी असरदार साबित हुई है। मॉडर्ना ने करीब 30 हजार प्रतिभागियों पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा करने के बाद यह प्रतिक्रिया दी है। मॉडर्ना ने के सीईओ स्टीफेन बैंसेल ने कहा, तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अध्ययन से हमें सकारात्मक नतीजे मिले हैं और हमारी वैक्सीन कई गंभीर बीमारियों के साथ Covid-19 वैक्सीन को रोकने में कारगर साबित हो सकती है। मॉडर्ना ने कहा कि यह ऐतिसाहिक दिन है और वह अगले कुछ हफ्तों में वैक्सीन को मंजूरी के लिए आवेदन दाखिल करेगी।