मुंबई। दवा का ट्रेडमार्क एक जैसे रोग में दूसरे ट्रेडमार्क से मिलता-जुलता रजिस्टर्ड नहीं किया जा सकता। ये आदेश बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति फिरदोश पी. पूनीवाला की एकल न्यायाधीश पीठ ने दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि संरचनात्मक और ध्वन्यात्मक रूप से समान ट्रेडमार्क को समान बीमारी का इलाज करने वाली दवा के लिए रजिस्टर्ड होने पर यह उपभोक्ताओं के लिए भ्रम पैदा कर सकता है।
यह है मामला
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड कंपनी के उत्पादों में से एक मधुमेह विरोधी दवा थी जो पंजीकृत ट्रेडमार्क “ZITA-MET” के तहत बेची जाती थी। वर्ष 2013 में, ग्लेनमार्क ने कक्षा 5 में शब्द चिह्न “ZITA-MET” और ZITA-MET फॉर्मेटिव ट्रेड मार्क्स के लिए ट्रेड मार्क पंजीकरण करवाया था।
अगस्त 2020 में ग्लेनमार्क को क्लास-5 के संबंध में ट्रेड मार्क “XIGAMET” के लिए ट्रेड माक्र्स रजिस्ट्री के समक्ष ग्लेक फार्मा (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेड मार्क आवेदन मिला। ग्लेनमार्क ने ग्लेक के ट्रेडमार्क आवेदन के लिए पंजीकरण का विरोध करते हुए नोटिस दायर किया। सितंबर 2023 में ग्लेक ने आधारहीन धमकी की कार्रवाई के लिए ग्लेनमार्क के खिलाफ श्रीनगर अदालत में मुकदमा दायर किया। न्यायालय ने ग्लेनमार्क के खिलाफ एक अस्थायी निषेधाज्ञा पारित कर उसे ग्लेक के उत्पाद “XIGAMET के निर्माण, वितरण और बिक्री में हस्तक्षेप करने से रोक दिया।
इसके चलते ग्लेनमार्क ने किसी भी औषधीय तैयारी के संबंध में ग्लेक को ट्रेडमार्क XIGAMET का उपयोग करने से रोकने के लिए वाणिज्यिक आईपी सूट में एक अंतरिम आवेदन दायर किया और ग्लेक को ‘ZITA-MET’ के समान किसी अन्य चिह्न का उपयोग करने से रोका।
अदालत ने माना, दोनों चिन्ह एकसमान
अदालत ने पाया कि दोनों चिह्न यानी ‘ZITA-MET’ और XIGAMET शब्द चिह्न थे। वे संरचनात्मक रूप से समान थे क्योंकि उनमें अक्षरों और अक्षरों की संख्या समान थी। औषधीय उत्पादों पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द मार्क, ग्लेक का XIGAMET ध्वन्यात्मक रूप से ग्लेनमार्क के शब्द मार्क ZITA-MET के समान था।
उच्च कोर्ट ने माना कि औषधीय उत्पादों के लिए भ्रामक समानता निर्धारित करने के लिए कम मात्रा में सबूत की आवश्यकता है। इसका स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। औषधीय उत्पाद चिह्नों के मामले में भ्रम की थोड़ी सी भी संभावना के अस्तित्व के लिए जरूरी है कि ऐसे चिह्नों के उपयोग को रोका जाए।
ग्लेनमार्क के पक्ष में दिया फैसला
अदालत ने कहा कि वर्तनी में थोड़े अंतर के साथ अलग-अलग शब्द ध्वन्यात्मक रूप से एक जैसे लग सकते हैं। अदालत ने पाया कि प्रतिद्वंद्वी उत्पाद एक ही बीमारी के लिए थे, लेकिन उनकी आणविक संरचना अलग थी। इसलिए ग्लेनमार्क और ग्लेक द्वारा बेची गई दवाओं के बीच कोई भी भ्रम संभावित रूप से उपभोक्ताओं पर हानिकारक दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। उच्च न्यायालय ने ग्लेक के निशान के संबंध में ग्लेनमार्क द्वारा मांगी गई निषेधाज्ञा को मंजूरी दे दी। अदालत ने माना कि दोनों अंकों के संबंध में भ्रम की संभावना है।