रुडक़ी। अवैध तरीके से चल रही तीन दवा फैक्ट्रियों पर छापे के दौरान पकड़ी गई सभी दवाओं के सैंपल फेल आए हैं। दवाओं में कोई साल्ट नहीं मिला है। हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग की टीमों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए यह दवाएं पकड़ी थी। गौरतलब है कि हरिद्वार के औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा औषधि विभाग की टीम के साथ आठ सितंबर को रुडक़ी के शिवपुरम, रामनगर औद्योगिक क्षेत्र और सैनिक कॉलोनी में छापामारी की थी। तीनों स्थानों पर अवैध तरीके से दवा की फैक्ट्री चल रही थी। यहां दवाओं की पैङ्क्षकग की मशीनें बरामद होने के साथ ही बड़ी मात्रा में एंटीबायोटिक टेबलेट भी मिली थी। दवाओं को शुरू से ही नकली माना जा रहा था। ड्रग विभाग ने बरामद सभी दवाओं के अलग-अलग सैंपल लेकर जांच को लैब में भेजा था। लैब से दवाओं के सैंपल आ गए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन सभी दवाओं के सैंपल फेल आए हैं। दवाओं में रेपर पर लिखा गया कोई भी साल्ट नहीं मिला है।
इस मामले में आरोपितों के खिलाफ केस फाइल किया जा रहा है। वहीं, गंगनहर कोतवाली पुलिस भी इस मामले की पड़ताल कर रही है। पुलिस को भी लैब से आई जांच रिपोर्ट दी जा चुकी है। बता दें कि सभी दवाओं के रेपर पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम लिखे हुए थे। दवाओं को यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों पर सप्लाई किया जाता था। उधर, हरिद्वार औषधि विभाग ने 20 सितंबर को खांसी के सिरप की पेटियां पकड़ी थी। सिरप के नकली होने की आशंका जताई जा रही थी। हिमाचल के बद्दी स्थित एक ब्रांडेड दवा कंपनी का लेबल सिरप की बोतलों पर लगा हुआ था। ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने बताया कि बरामद सिरप को जांच के लिए लैब भेजा गया था। लैब में इस सिरप का सैंपल फेल आया है। इस मामले में तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने स्वयं ही सिरप तैयार ब्रांडेड कंपनी की रेपर सिरप की शीशी पर लगा दिए थे। दिल्ली रोड से आरोपितों को सिरप की पेटियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।