बरेली। दवा के नए और कठोर कानूनों लेकर दवा व्यापारियों में भारी रोष देखने को मिला है। दरअसल दवा व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो नीतियां बनाई है वो उनके विपरीत है। जिसको लेकर बरेली में दवा के नए और कठोर कानूनों को लेकर दवा कारोबारियों में आक्रोश है। जिसके चलते केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन बरेली के बैनर तले दवा व्यापारियों का सम्मेलन हुआ।
दुर्गेश खटवानी की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में मुख्य अतिथि प्रादेशिक संस्था केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के महासचिव सुरेश गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए दवा व्यापार में आए दिन नए-नए कठोर कानूनों को लेकर रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को गाइडलाइन जारी की है। रिटेल के सभी दवा व्यापारियों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की बाध्यता ठीक नहीं, क्योंकि अधिकांश दवा व्यापारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही कैमरे लगवाए हैं।
केंद्र सरकार की नीतियां दवा व्यवसाइयों के विपरीत हैं। चार प्रकार के स्लैब के टैक्स से दवा व्यापारियों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पुराने दवा व्यापारियों के लिए फार्मासिस्ट की अनिवार्यता खत्म करने और केवल लाइसेंस पर ही कार्य करने की मांग रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दुर्गेश खटवानी ने सर्जिकल आइटम पर वास्तविक मूल्य से काफी ज्यादा एमआरपी होने का मुद्दा उठाया।
सम्मेलन में विजय मूलचंदानी, विष्णु खन्ना, विवेक कुमार, महेंद्र खटवानी, बबिता रानी, उर्मिला वर्मा ,नवनीत कुमार (औषधि निरीक्षक) ने भी अपने विचार रखे। सम्मेलन में बरेली के अतिरिक्त बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर आदि जिलाें से दवा व्यापारी शामिल हुए। जिन्होंने सभा में दवा के कानूनों को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए रोष भी जताया।