खंडवा (मध्य प्रदेश): नारकोटिक्स न्यायालय ने नशीली दवाओं से जुड़े मामले में गिरफ्तार दो होलसेल दवा विके्रताओं को जमानत देने से इनकार कर दिया। नारकोटिक्स न्यायालय इंदौर ने दोनों व्यापारियों की दवा धंधे में भूमिका संदिग्ध होने के चलते यह निर्णय लिया। गौरतलब है कि नारकोटिक्स विभाग ने 23 अगस्त को एस फार्मा के सुनील जैन और माहेश्वरी मेडिकल एजेंसी के संजय माहेश्वरी को इंदौर से गिरफ्तार किया था। दोनों जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य है। पहले मामले में सुनवाई 28 अगस्त को होनी थी लेकिन किसी कारणवश 31 अगस्त के लिए टल गई। वर्ष 2012 में गिरफ्तार हुए दोनों दवा व्यापारियों पर आरोप है कि वे फेंसीड्रील कफ सीरप के थोक व्यापारी थे। नारकोटिक्स विभाग ने कफ सीरप की खपत में अंतर को देखते हुए जांच कर प्रकरण बनाए थे।
एमडी मेडिसिन के मुताबिक, फेंसीड्रील कफ सिरप में कोडीन फास्फेट रहता है। डॉक्टर द्वारा बताए डोज से ज्यादा लेने पर नशा छाने लगता है। यदि व्यक्ति बिना प्रिस्क्राइब डोज से ज्यादा खुराक लगातार लेने लगे तो हालत जानलेवा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही दवा व्यापारी इंदौर के जिस ट्रांसपोर्टस से कफ सीरप और अन्य दवाएं मंगाते थे वहां से विभाग ने नशे में उपयोग होने वाला सफेद पाउडर भी बरामद किया था। इस कारण ट्रांसपोटर के साथ दोनों दवा व्यापारियों की भूमिका संदिग्ध होने के कारण इन्हें सह-आरोपी बनाया गया।
ड्रग इंस्पेक्टर लोकेश गुप्ता के मुताबिक, नारकोटिक्स ने दोनों दवा कारोबारियों के लाइसेंस का स्टेटस पूछा था जिसे वेरीफाइ कर भेज दिया था। लेकिन जब ज्यादा जानकारी के लिए जिला केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष से बातचीत की तो उन्होंने कोई खास सहयोग नहीं किया।