गोरखपुर। लखनऊ में मिलावटी खून की बिक्री के मामले की जांच करने भालोटिया मार्केट पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर को दवा व्यापारियों ने घेर लिया। खुद को घिरा देख ड्रग इंस्पेक्टर संदीप चौधरी ने डीएम को फोन पर सूचना दी। डीएम ने फौरन सिटी मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजा। सिटी मजिस्ट्रेट के पहुंचने के बाद दवा व्यापारी शांत हुए। गौरतलब है कि करीब दो महीने पूर्व लखनऊ में खून बेचने वाला गिरोह पकड़ा गया था। इस मामले में प्रदेश में सभी ब्लड बैग सप्लायरों पर निगाह रखी जा रही है। इसी क्रम में सूचना मिली कि फरीदाबाद की फर्म पॉलीमेड से निर्मित ब्लड बैग की आपूर्ति भालोटिया मार्केट में मेडिको सर्जिकल एजेंसी करती है। शासन ने ड्रग इंस्पेक्टर को दुकान की जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर संदीप चौधरी जांच करने के लिए भालोटिया मार्केट पहुंचे। इसकी सूचना मिलने पर दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष योगेंद्र नाथ दुबे, उपाध्यक्ष राजेश तुलस्यान, महामंत्री आलोक चौरसिया, अर्जुन अग्रवाल, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय, महामंत्री दिलीप सिंह और दूसरे व्यापारियों ने ड्रग इंस्पेक्टर को घेर लिया। व्यापारियों ने पहले से सूचना न देकर अचानक जांच को गलत बताया। कुछ व्यापारी ड्रग इंस्पेक्टर से अभद्रता करने लगे। नौबत हाथापाई तक आ गई। सिटी मजिस्ट्रेट के हस्तक्षेप के बाद व्यापारी शांत हुए और ब्लड बैग की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड ड्रग इंस्पेक्टर को सौंपा। डीएम ने ड्रग इंस्पेक्टर से रिपोर्ट तलब की। जल्द ही दोबारा टीम भालोटिया में जाकर जांच कर सकती है।
ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने बताया कि मेडिको सर्जिकल ने जनवरी माह में ढाई हजार ब्लड बैग मंगाया था। शहर के सिटी ब्लड बैंकए फातिमा ब्लड बैंक और मऊ के एक ब्लड बैंक को यह बैग बेचा गया है। ब्लड बैंकों के संचालकों से पूछा जाएगा कि उन्होंने कितना ब्लड बैग खरीदा है। पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि कोई विवाद नहीं हुआ। सिर्फ कुछ व्यापारियों को आपत्ति थी कि ड्रग इंस्पेक्टर को सूचना देकर जांच करनी चाहिए। इस जांच में दवा व्यापारी सहयोग कर रहे हैं।