हैदराबाद। दवा होल सेलर्स पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में इंसुलिन इंजेक्शन (पहले से भरे हुए पेन) बरामद किए गए हैं। इन्हें नई दिल्ली में दवा थोक विक्रेताओं से अवैध रूप से खरीदा गया था। यह कार्रवाई टीएस ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (टीएसडीसीए) ने हैदराबाद में छह अलग-अलग थोक विक्रेताओं पर की है।
पता चला कि उक्त इंसुलिन इंजेक्शन थोक विक्रेताओं द्वारा 40 प्रतिशत से अधिक की भारी छूट पर बेचे जा रहे थे। इनके नकली होने का संदेह है। छापेमारी के दौरान जब्त किए गए इंजेक्शन की कुल 51.92 लाख रुपये कीमत बताई गई है।
बिक्री बिलों की पुष्टि करने पर पता चला कि ये नई दिल्ली से बिना किसी बिल के 40 प्रतिशत से अधिक की पर्याप्त छूट के साथ लिए गए थे। इन इंसुलिन इंजेक्शन को भारी छूट पर बेचा जा रहा था। टीएसडीसीए के महानिदेशक वीबी कमलासन रेड्डी ने बताया कि 5263 रुपये की एमआरपी वाला इंजेक्शन मात्र 2070 रुपये में बिक्री के लिए था। इससे उनकी प्रामाणिकता के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।
इन छह विक्रेताओं पर की छापेमारी
जिन छह थोक विक्रेताओं पर छापे मारे गए, उनमें ड्रग हब, पद्मरावनगर, श्री थिरुमाला फार्मा, रामनाथपुर, उप्पल, श्री पारस मेडिकल एजेंसीज, विल मारुति लेन, सुल्तान बाजार, श्री गणेश फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर्स, साईं नगर कॉलोनी, नागोले, मेडचल-मलकजगिरी, राजा राजेश्वर डिस्ट्रीब्यूटर्स, जय जवान कॉलोनी, कपरा और श्री बालाजी एजेंसियां, कुथिबीगुडा, काचीगुडा शामिल हैंं।
बिना बिल के अवैध रूप से सप्लाई
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इंसुलिन इंजेक्शन के स्टॉक को भगवती फार्मा, राम गली, फिल्म कॉलोनी, भागीरथ पैलेस, दिल्ली और रॉयल ड्रग्स, भागीरथ पैलेस, नई दिल्ली द्वारा बिना बिल के अवैध रूप से सप्लाई किया गया था।
खरीद बिल के बिना अवैध रूप से दवाएं खरीदना ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का उल्लंघन है। इस तरह के कृत्य को मुख्य रूप से धोखाधड़ी वाला व्यवहार माना जाता है क्योंकि इसमें स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिम शामिल हैं, उचित दस्तावेज के बिना दवाओं की अवैध खरीद महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और सुरक्षा चिंताओं को जन्म देती है।
खरीद बिल के बिना, दवाओं की गुणवत्ता, प्रामाणिकता और सुरक्षा को सत्यापित नहीं किया जा सकता है। इससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा होता है। इस तरह के कृत्य कर चोरी का भी संकेत दे सकते हैं।