नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है। देश में पिछले कुछ समय से कोरोना के नए मामलों में कमी आई है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बयान आया है कि देश में अब बुरा समय टल गया है लेकिन हमें अब भी सावधानियां बरतनी है और लापरवाही नहीं करनी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अगले साल जनवरी 2021 से किसी भी समय भारत में कोरोना की पहली वैक्सीन अपलब्ध हो जाएगी। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 95.46 प्रतिशत हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने कोविड टीकाकरण को लेकर अगस्त से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि देशभर में मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। राज्य स्तर पर भी ट्रेनिंग दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि अबतक 260 जिलों में 20,000 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। कोरोना वैक्सीन के स्टॉक और टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए Co-WIN नाम के प्लेटफॉर्म को भी पिछले चार महीनों के भीतर डिवेलप किया गया। केंद्रीय मंत्री ने पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में भारत की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि कोविड टीकाकरण को लेकर केंद्र की पूरी तैयारी है।
डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, भारत सरकार वैक्सीन के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है। जो वैक्सीन सबसे सही, सटीक होगी उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य सही वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाना है। डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, इन 30 करोड़ लोगों में करीब 1 करोड़ हेल्थ वर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर (पुलिस, सफाई कर्मचारी, सेना आदि) शामिल हैं, जबकि करीब 26 करोड़ लोग ऐसे चिन्हित हैं जिनकी उम्र 50 से अधिक है, इसके अलावा 1 करोड़ ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी उम्र 50 से कम है लेकिन वो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि अक्तूबर और नवंबर में त्योहारों के बावजूद व्यापक परीक्षण, निगरानी और इलाज की सही नीति के कारण मामलों में कोई नया उछाल नहीं दिखा। हालांकि उन्होंने लोगों से अपील की कि फिर भी कोई लापरवाही न बरतें। मास्क जरूर पहनें और सोशल डिस्टेसिंग का भी ध्यान रखें। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हमारी सरकार वैक्सीन की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करना चहती है। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से कह सकता हूं कि जनवरी के किसी भी हफ्ते में हम भारत के लोगों को कोरोना का पहला वैक्सीन दे सकने की स्थिति में होंगे।
वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा से जब पूछा गया कि क्या भारत में इस महामारी का सबसे बुरा दौर गुजर चुका है तो उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी से संबंधित आंकड़ों में कमी देखी जा रही है और अन्य राज्यों में ये अस्थिर हैं। इस पर पांडा ने कहा कि अधिकतर राज्यों ने प्रभावी ढंग से इस पर काबू पाया है जबकि कुछ को सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्यों के हालात एक-दूसरे से अलग हैं।