नई दिल्ली। बाजार में जल्द आने वाली नई दवा ‘सिमवास्टेटिन’ गंभीर रोगों से बचाने में सहायक सिद्ध होगी। जीवों की कोशिकाओं के बीच आणविक स्तर पर होने वाले संचार की भूमिका शरीर के अंगों के साथ-साथ कोशिकाओं एवं ऊतकों का संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होती है। कोशिकीय संचार में होने वाले असामान्य बदलावों से मधुमेह, हृदय रोगों और अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल के लिए उपयोग होने वाली दवा ‘सिमवास्टेटिन’ कोशकीय संचार को प्रभावित करने वाली एक्सोसॉम पुटिकाओं के स्नाव को नियंत्रित कर सकती है, जो कोशकीय संचार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जानी जाती हैं। भारतीय शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में यह बात उभरकर समाने आई है।
नई दिल्ली स्थित सीएसआइआर जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आइजीआइबी) के शोधकर्ता अंकुर कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हमने अस्थमा के पूर्व नैदानिक मॉडलों में सिमवास्टेटिन को प्रभावी पाया है। एक्सोसॉम आधारित आणविक संचार के कारण उभरने वाले दूसरे रोगों से निपटने में भी इसी तरह के परिणाम देखने को मिल सकते हैं। विभिन्न जटिल बीमारियों में सिमवास्टेटिन का उपयोग मौजूदा उपचार रणनीतियों और जोखिम व लाभ के अनुपात जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।