रोहतक। देश में फार्मेसी कॉलेजों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने और योग्य फार्मासिस्ट कर्मचारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) नई दिल्ली ने देश में नया फार्मेसी कॉलेज खोलने के लिए 5 वर्ष की पाबंदी लगा दी है। पीसीआई के इस फैसले पर फार्मेसी कालेज संचालकों ने अपनी विभिन्न प्रतिक्रियाएं जाहिर की हैं। आर्यन्स कॉलेज ऑफ फार्मेसी के संचालक डॉ. अंशु कटारिया ने इस फैसले पर कहा कि पीसीआई ने अपनी अधिसूचना में यह कारण बताया है कि देश में लगभग 1985 डी. फार्मेसी और 1439 बी. फार्मेसी संस्थाएं हैं। इन संस्थाओं में स्टूडेंट्स का सालाना दाखिला 2,19,279 है और यह उपलब्ध फार्मा फोर्स देश की आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। पीसीआई को उन कॉलेजों को छूट देनी चाहिए जिन्होंने इस अधिसूचना की तारीख से पहले नए फार्मेसी कॉलेज के लिए जमीन खरीद ली है और भूमि उपयोग के परिर्वतन (सीएलयू) के लिए आवेदन कर चुके हैं।