कानपुर। नकली दवाइयां बेचने के आरोप में रुडक़ी, हरिद्वार की फर्म मेसर्स वैष्णव रेमेडीज के मालिक समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि किदवई नगर के डिस्ट्रीब्यूटर के पास से इस फर्म की बनीं 11 दवाओं के सैंपल भरे गए थे। लैब की जांच में ये सभी सैंपल फेल मिले हैं। इन दवाओं में एंटी बायोटिक, एंटी एलर्जिक, बच्चों के सिरप आदि दवाएं शामिल हैं। डिस्ट्रीब्यूटर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। बीती चार फरवरी को नोएडा और बागपत के ड्रग इंस्पेक्टर ने सूचना दी थी कि शहर में नकली दवाएं बेची जा रही हैं। इस पर सहायक आयुक्त औषधि शशि मोहन की अगुवाई में तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर एके गुप्ता और संदेश मौर्या ने किदवई नगर स्थित डिस्ट्रीब्यूटर ईनेट बायोटिक प्राइवेट लिमिटेड के यहां छापा मारा। संदिग्ध सॉल्ट के अलावा और दवाओं के नमूने लिए गए। इसके साथ ही स्टॉक सीज कर दिया गया। औषधि विभाग की टीम ने कहा कि अगर सैंपल सही पाए गए तो स्टाक बहाल कर दिया जाएगा। मार्च के अंतिम सप्ताह में रिपोर्ट आई तो सभी सैंपल फेल पाए गए। इनमें मीडे, केमोनैक, फैक्सी, जिपलेट, बाइक्सेट, यूजीमॉक्स, पैकनॉन आदि दवाएं शामिल हैं। ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने बताया कि नमूने फेल मिलने पर कंपनी के संबंध में जांच की गई। पता चला कि सारे उत्पाद रुडक़ी की कंपनी के हैं। कंपनी के मालिक, केमिस्ट आदि पांच अधिकारियों के खिलाफ एडीजे-6 के कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।