भुवनेश्वर। ओडिशा में कोविड-19 की नकली दवा बेचने में कथित रूप से शामिल तीन लोगों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मेडिलॉयड मेडिसमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को कटक में गिरफ्तार किया गया। इसने 17,400 से ज़्यादा नक़ली दवाईयों का भंडारण कर रखा था।अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी ने इस मामले में अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए ओडिशा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और उसकी याचिका अभी लंबित है।

एसटीएफ ने गिरफ्तार लोगों और कंपनी से जुड़े कई बैंक खातों को जब्त (सील) कर दिया। उन्होंने कहा कि खातों में 50 लाख से अधिक की धनराशि है। एसटीएफ ने इससे पहले फैविमैक्स-200 और फैविमैक्स-400 को कटक के एक दवा दुकान से जब्त किया था। ये दवाइयां फैविपिराविर के वेरिएंट हैं और इसका इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों के इलाज में किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने नकली दवाएं खरीदने और उसके भंडारण के मामले में मेडिलॉयड मेडिसमेंट प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में 11 जून को छापेमारी की।

उन्होंने कहा कि कटक स्थित कंपनी ने फर्जी कंपनी मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर से 65 रुपये में 10 गोलियों के पत्ते के हिसाब से फेविमैक्स गोलियां खरीदी और फिर उन्हें 1,290 रुपये प्रति पत्ते के हिसाब से बेची। अधिकारी ने कहा कि मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर एक और संदिग्ध कंपनी है, जो हिमाचल प्रदेश के सोलन में दवाओं के निर्माण का दावा करती है। फिलहाल तीन टीमें ओडिशा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में मामले की जांच कर रही हैं। ओडिशा सरकार, महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से मिली जानकारी के आधार पर छापेमारी शुरू की थी।