पटना। राज्य की सबसे बड़ी दवा मंडी पटना के गोविंद मित्रा रोड में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में उपयोगी हैंड सैनिटाइजर नकली बेचे जाने के मामले पकड़ में आए हैं। में भी खेल शुरू हो गया है। हैंड सैनिटाइजर की मांग बढऩे और केंद्र सरकार द्वारा सौ एमएल के लिए 50 रुपये दाम निश्चित करने के बाद भी कुछ दुकानदार नकली सैनिटाइजर की आपूर्ति कर रहे हैं। उधर, मनमाने दाम लेकर इस्तेमाल एन-95 मास्क का कारोबार करने वाले चार दिन बाद भी औषधि विभाग और पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। गौरतलब है कि हैंड सैनिटाइजर में 70 से 90 फीसद तक एल्कोहल होता है। यह कोरोना वायरस के ऊपरी सतह को नष्ट कर देता है। इससे वायरस निष्प्रभावी हो जाता है। लेकिन पटना के गोविंद मित्रा रोड की दवा मंडी में नकली सैनिटाइजर की खुलेआम बिक्री हो रही है। इससे कोरोना संक्रमण की सरकार की जंग में सेंध लग रही है। हैरत की बात तो यह है कि इसकी जानकारी औषधि विभाग को नहीं है। पटना के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। कुछ औषधि निरीक्षकों को जांच में लगाया गया है, जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। बीते दिनों मनमाने दाम लेकर इस्तेमाल एन-95 मास्क का कारोबार करने का मामला भी उजागर हुआ था। चार दिन बाद भी इसके आरोपित औषधि विभाग और पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। औषधि विभाग अभी यह भी पता नहीं कर सका है कि न्यू मेट्रो सर्जिकल को इस्तेमाल एन-95 मास्क की आपूर्ति करने वाला कौन है? उसने और कितनी दुकानों में इसकी आपूर्ति की है। सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि टीम ऐसी अन्य दुकानों का पता लगा रही है, जिनमें इस्तेमाल मास्क बिक रहा है। वहीं मेडिकल स्टोर के संचालक और उसे मास्क आपूर्ति करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी कराने के अलावा टीम उनके बारे में जानकारी एकत्र कर रही है। डॉक्टर आशंका जता रहे हैं कि यदि कोई मास्क पूर्व में किसी ऐसे डॉक्टर या चिकित्साकर्मी ने इस्तेमाल किया हो, जिसने कोरोना आशंकित मरीज का उपचार किया हो वह कोरोना संक्रमण का कारण बन सकता है। बता दें कि पटना में ऐसे कई संक्रमित मिले हैं जिनकी कोई ट्रेवल या संपर्क हिस्ट्री नहीं है। ऐसे लोग डॉक्टरों के लिए गुत्थी बने हुए हैं कि उन्हें संक्रमण कहां से हुआ है।