आगरा। नशीली दवा कफ सिरप की करोड़ों रुपये की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि विभाग की टीम ने जांच में पाया कि शूज फर्म के जीएसटी नंबर से बिलिंग करके कफ सीरप की तस्करी की जा रही थी। इसकी रिपोर्ट हापुड़ और लखनऊ मुख्यालय में ड्रग कंट्रोलर को भेजी गई है, जिससे नशीली दवा कारोबार में लिप्त तस्करों पर कार्रवाई हो।
यह है मामला
औषधि विभाग ने बीते वर्ष हापुड़ में ओम ट्रांसपोर्ट एजेंसी पर रेड की थी। टीम को कोडिंग युक्त कफ सीरप की 152 पेटियां मिली थीं। बरामद कफ सीरप हापुड़ के अरिहंत और गढ़मुक्तेश्वर के एएके मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर के भेजे गए थे। वहां पर भंडारण नहीं किया सकता था। इस पर औषधि विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो तस्करी नेटवर्क की परतें खुलती चली गईं। तस्कर फेनसीड्रिल यानी कफ सीरप को दवा नहीं, नशे के लिए तस्करी करते थ और यह यूपी और बिहार के विभिन्न जिलों में खपाई जाती थी।
शूज फर्म के जीएसटी नंबर से कफ सीरप की बिलिंग
जांच में पता चला कि जिस जीएसटी नंबर से कफ सीरप की खेप भेजी गई थी. वो जीएसटी नंबर आगरा में एक्टिव है। इसको लेकर हाथरस में ही एक केस भी दर्ज किया गया था। आगरा में औषधि विभाग की जांच में संजय प्लेस की एक शूज फर्म के जीएसटी नंबर से कफ सीरप की बिलिंग करने की पुष्टि हुई। वहीं जांच में अरिहंत डिस्टीब्यूटर, एके एंड संस, एनएस ट्रांसपोर्ट, ओम ट्रांसपोर्ट के नाम सामने आए।
तस्कर इनके जरिए ही बिहार, वाराणसी, गाजियाबाद, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, कासगंज में कफ सीरप की भेजते थे। आगरा के सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार कर हापुड़ और लखनऊ ड्रग कंट्रोलर कार्यालय में भेज दी है।