पानीपत। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन हरियाणा के आदेश पर विभाग की टीम ने नशीली दवा बेचने पर दो मेडिकल स्टोर सील कर दिए हैं। यहां सेल-परचेज का रिकॉर्ड रखे बिना नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन बेचे जा रहे थे। एक अन्य स्टोर संचालक टीम पहुंचते ही फरार हो गया।
जिला औषधि कंट्रोलर (डीसीओ) विजया राजे ने बताया कि टीम सबसे पहले देवी मूर्ति कॉलोनी स्थित राधे-राधे दवा स्टोर पर पहुंची। निरीक्षण के दौरान ट्रामाडोल और क्लोनाजेपाम के इंजेक्शन रखे हुए थे। ये इंजेक्शन दर्द निवारक हैं, लेकिन इंजेक्टिव नशा करने वाले भी इसका दुरुपयोग करते हैं। संचालक से सेल-परचेज का रिकॉर्ड मांगा तो वह दिखा नहीं सका। उसी समय स्टोर को सील कर दिया गया। इसी क्षेत्र में मोहित मेडिकोज, मलिक औषधि केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। इसके बाद टीम नूरवाला स्थित एल्टियस फार्मेसी और किरात मेडिकल हॉल पहुंची। किरात का संचालक टीम को देखकर मौके से फरार हो गया।
टीम ने दुकान को सील कर दिया। डीसीओ के मुताबिक दोनों फर्म के संचालकों को नोटिस भेजे जाएंगे। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह इंजेक्शन मानसिक रोगियों के इलाज में लगाया जाता है। नशे के रूप में इस्तेमाल करने से मोतियाबिंद, अवसाद, गुर्दे की बीमारी, आत्महत्या की प्रवृत्ति, तनाव, मोटापा हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रामाडोल दर्द निवारक इंजेक्शन है। नशे के रूप में इस्तेमाल करने से मानसिक रोग, नींद नहीं आना, कोमा में जाना और मृत्यु का कारण भी बनता है।