नई दिल्ली। सावधान! दवा का सेवन करते समय सचेत रहें। कहीं ऐसा न हो कि एक बीमारी से राहत पाने के लिए खाई गई दवा दूसरी परेशानी खड़ी कर दे। कोयम्बटूर में दांत दर्द में राहत दिलाने वाली एक दवा में लोहे के तार का टुकड़ा मिलने का मामला सामने आया है। बाद में लोगों ने दवा दुकान के सामने प्रदर्शन किया। आखिर पुलिस ने आकर मामला सुलझाया।
जानकारी के मुताबिक कोयम्बटूर शहर के उक्कडम इलाके में रहने वाला मुस्तफा कार सीट कवर बनाने का काम करता है। वह दांत में दर्द होने पर पास के एक मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गया। दवा की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी ने उसे एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी की दांत दर्द निवारक दवा की छह टेबलेट का पत्ता दिया। मुस्तफा दवा लेकर घर गया और एक टेबलेट खा ली। दवा खाने के काफी देर बाद भी जब मुस्तफा को दांत के दर्द से राहत नहीं मिली तो उसने आधा टेबलेट और लेनी चाही। जैसे ही उसने टेबलेट के टुकड़े किए, दवा के अंदर लोहे का छोटा सा तार देखकर वह हैरान रह गया। मुस्तफा तुरंत दवा दुकान पर गया और वहां मौजूद कर्मचारी को पूरी बात बताई। लेकिन, उस कर्मचारी ने कहा कि वह इससे बारे में दवा कंपनी से पूछे क्योंकि दवा तो पैक थी। इसके बाद मुस्तफा ने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को इसकी जानकारी दी और मौके पर बुलाया। उन लोगों ने भी दवा दुकान के संचालक से इस बारे में पूछा तो उसने पहले की ही तरह जवाब देते हुए दवा कंपनी से पूछने की बात कही। इसे लेकर दोनों पक्षोंं में तीखी झड़प हो गई। बाद में मुस्तफा के रिश्तेदारों और दोस्तों ने दुकान के सामने इसे लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दुकान के सामने प्रदर्शन के कारण जाम की स्थिति बन गई और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। मामले की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने पूरा वाकया समझने के बाद मुस्तफा को समझाया कि वह इसे लेकर दवा कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत करे क्योंकि इसमें दुकानदार की कोई गलती नहीं है। इसके बाद मुस्तफा और उसके परिजनों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया। मुस्तफा ने बाद में कहा कि वह इस मामले को लेकर दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के स्वास्थ निरीक्षक को भी शिकायत करेगा। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि दवा कंपनियों को दवा बाजार में बेचने से पहले उसकी पूरी तरह जांच करनी चाहिए। दवा निर्माण में लापरवाही बरतने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।