जींद। आज देश और दुनिया की बहस का केंद्र बिन्दू कोरोना वायरस ही है। इस वायरस के कारण जहां विश्व में लाखों लोगों की मौत हो चुकी हैं तो वहीं भारत में कोरोना के परीक्षणों की रफ्तार बढ़ी है। साथ ही कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। साथ ही भारत समेत विश्व के कई देश इससे पीड़ित है। हालांकि दुनियाभर में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस से भारत भी बुरी तरह से प्रभावित है, लेकिन सरकार ने एतियातन कई बड़े कदम उठाने प्रारंभ कर दिए हैं। सरकार का दावा है कि भारत में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। सरकार ने कोरोना की रोक थाम के लिए न केवल एतियातन सतर्कता बरती है, बल्कि दवाई के प्रभावशाली डोज भी तैयार करने की दिशा में पहल किया जा रहा है। तो वही दूसरी तरफ हरियाणा के जींद जिले में बड़ी लापरवाही सामने आयी है। बतादे कि जींद चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के पास किसी अस्पताल ने कोरोना मरीज के इलाज में प्रयोग होने वाला सामान फेंक दिया है। सैकंडो की संख्या में प्रयोग किये हुए इंजेक्शन, PPE किट, ग्लव्स, सर्जिकल मास्क, कॉटन, डिस्पोजल प्लेट, कटोरी सड़क किनारे फेंकी गई है। गौरतलब है कि हाईवे के पास इस तरह खुले में पड़ा सामान कोरोना संक्रमण को निमंत्रण दे रहा है। सरकार और प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई बड़े स्तर पर प्रयास कर रहे है। तो वही दूसरी तरफ इस तरह के काम तमाम कोशिशों पर पलीता लगा रहे है। बताना लाजमी है कि कोरोना वायरस आज विश्व में मील का पत्थर साबित हो रहा है। कल तक जो देश अपने को महाशक्ति के रूप में देखते व समझते थे आज कोरोना वायरस के बाद बेरोजगारी वहां सबसे अधिक हो गई है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देखें तो स्पष्ट होता है कि अविकसित तथा विकासशील देशों के नागरिकों की कोरोना वायरस से लडऩे की क्षमता विकसित देशों के नागरिकों से अधिक है।