नई दिल्लीः मई में होने वाला नैशनल हेल्थ कान्क्लेव स्वास्थ्य के उन मुद्दों पर अभूतपूर्व  विमर्श साबित होने वाला है जो भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। यह बात इस 2 दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने वाले साझेदारों की लंबी फेहरिस्त से साबित होती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और इससे जुड़े संस्थानों से शुरु हो कर शोध, अकादमी, अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा की गतिविधियों से जुड़े उद्योग संगठनों के तमाम दिग्गज इसमें शिरकत कर रहे हैं। भागीदारों की व्यापकता को देखते हुए यह आशा करना बेमानी नहीं है कि इस सम्मेलन से गैर संक्रामक रोगों ( एनएसडी) के आसन्न खतरे से निबटने के लिए एक प्रभावी रोडमैप जरूर निकलेगा।
इस कान्क्लेव में शामिल होने वाले हितधारकों में निम्नलिखित प्रमुख हैं- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, रक्षा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, जैव प्रोद्योगिकी विभाग (बायोटेक्नालॉजी ), केंद्रीय विज्ञान व प्रोद्योगिकी मंत्रालय, नैशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन, नैशनल हेल्थ सिस्टम्स रिसोर्स सेंटर, नैशनल सेंटर ऑफ हेल्थ इनफॉरमेटिक्स, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, इसरो ( इंडियन रिसर्च आर्गेनाइजेशन), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया (पीएचएफआई), इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट बैंगलूर, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नालाजी मद्रास, क्रिश्चियन मेडिकल कालेज ऑफ वेल्लौर और नैशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी – फेहरिस्त बड़ी लंबी है।
         जो अन्य संगठन शामिल हो रहे हैं वे हैं- एसोशियेशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स, इंडिया, एसोसियेशन ऑफ नैशनल बोर्ड एक्रेडिटेड इंस्टीच्यूशंस, कंसोर्टियम ऑफ अक्रेडिटेड हेल्थकेयर ऑर्गेनाइजेशंस, एसोसियेशन ऑफ बायोटेक लेड एंटरप्राइजेज, एसोसियेशन ऑफ इंडियन हेल्थ साइंसेज यूनिवर्सिटीज, एसोसियेशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्रीज, डिजीज मैनेजमेंट एसोसियेशन ऑफ इंडिया, आर्गेनाइजेशन आफ फर्मास्यूटिक्ल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया, हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल, इंडियन मेडिकल एसोसियेशन और इंडियन फर्मास्यूटिक्ल एसोसियेशन। सोने पर सुहागा यह है कि ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (इंडिया) और डिजिटल दुनिया के वैश्विक दिग्गज गुग्गल इस कान्क्लेव के ज्ञान सहभागी होंगे।
मेडिकेयर न्यूज को इस वृहत स्वास्थ्य सेवा जमघट के मीडिया पार्टनर के रूप में चुना गया है। मेडिकेयर न्यूज के विस्तार एवं पहुंच को देखते हुए यह एक सही चुनाव माना जा रहा है। 2002 में एक ब्लैक एवं ह्वाइट टेब्लायड से शुरू मेडिकयेर न्यूज 12 पेज के अपने रंगीन, जीवंत एवं वृहत रूप में अब स्वास्थ्य का एक प्रभावशाली राष्ट्रीय अखबार बन चुका है। अब तक की अपनी सार्थक यात्रा में यह वैश्विक फर्मास्यूटिकल और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहा है। स्वास्थ्य सेवा के हलकों में मेडिकयेर न्यूज को सम्मान की नजर से देखा जाता है। इसकी पहुंच, जिसे आज टीआरपी के नाम से जाना जाता है, जबर्दस्त है। इसकी पहुंच को आसानी से परखा भी जा सकता है।
मेडिकेयर न्यूज हर 15 दिन में छपने वाला देश का एकमात्र स्वास्थ्य अखबार है। अपने 14 साल के अस्तित्व में मेडिकेयर न्यूज गुणवत्ता और नैतिकता से समझौता किए बगैर स्वास्थ्य रिपोर्टिंग के परिदृश्य पर छाया रहा है।समय की चाल को पहचानते हुए मेडिकेयर न्यूज का अत्याधुनिक डिजिटल प्रभाग भी अपने आप में अद्भुत है।  डिजिटल ढांचे ने मेडिकेयर न्यूज की प्रिंट की ताकत कई गुने बढ़ा दी है। प्रिंट के साथ साथ मेडिकेयर न्यूज ने ई पोर्टल और सोशल मीडिया में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। समय की तमाम जरुरतों के साथ कदम से कदम मिलाते हुए मेडिकेयर न्यूज सूचना प्रवाह के तमाम अत्याधुनिक रूपों को साथ लेकर चल रहा है। मेडिकेयर न्यूज के ऐप, विडियो और स्वास्थ्य सेवा पर किताबोंलका सिलसिला शुरू होने ही वाला है।