Patna AIMS:बिहार के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (Patna AIMS) में योग से इलाज किया जायेगा। एम्स प्रशासन ने भी ये मान लिया है कि जिन बीमारियों का इलाज ऐलोपैथ भी नहीं कर सकता उसका इलाज योग से संभव है। योग के जरिए गठिया, अवसाद, शुगर, बीपी, ग्लूकोमा, पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी की बीमारी एएस सहित कई अन्य बीमारियों का इलाज किया जायेगा। अस्पताल प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी कर ली गई है।
अस्पताल के योग विभाग में 30 बेड का वार्ड बनाया जायेगा (Patna AIMS)
एम्स के निदेशक डॉ. जीके पॉल के दिशानिर्देश में यहां योग विभाग के लिए 30 बिस्तरों वाले वार्ड की योजना बनाई गई है, जहां मरीजों को योग चिकित्सा के माध्यम से पूरी तरह ठीक करने के लिए वार्ड में भर्ती किया जाएगा। डॉ. जीके पॉल ने कहा कि एम्स पटना में एक आयुष भवन है जो अब आयुर्वेद और होम्योपैथी में पारंपरिक दवाओं से इलाज करता है. उन्होंने कहा कि देश में कई केंद्र हैं जो योग क्लास संचालित करते हैं और योग प्रशिक्षण देते हैं। ऐसे बहुत कम केंद्र हैं जहां अस्पताल के मरीजों को योग चिकित्सा दी जाती है।
अध्ययन में योग को बहुत प्रभावी माना गया
हाल ही के दिनों में योग पर शोध के लिए दिल्ली एम्स में सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड मेडिकल एंड रिसर्च (सीआईएमआर) की स्थापना की गई है। जिसमें एम्स के डॉक्टरों का पूरा ध्यान योग पर शोध करना और इसके चिकित्सीय लाभों के वैज्ञानिक प्रमाण प्राप्त करना था। सीआईएमआर में योग पर किए गए शोध में पाया गया कि योग अवसाद, तनाव, रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी है। इसके साथ ही यह पीठ दर्द, हृदय रोगियों के पुनर्वास, कोमा बेहोशी (सोवल सिंकोप) समेत कई बीमारियों के इलाज में भी ये काफी मददगार पाया गया है। जिसके बाद अब पटना एम्स ने भी योग थेरेपी से इलाज करने की योजना बनाई है।
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